मध्य प्रदेश के जावरा में एक बच्चे की मौत डेटोनेटर फटने से हो गई. बताया जा रहा है कि धमाका इतना तेज था की बच्चे के सिर के चिथड़े उड़ गए. जबकि मृतक के भाई समेत दो अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, जावरा में अनिल (5), उसका बड़ा भाई बल्लू (7) व लखन (7) स्कूल से लौटने के बाद घर के बाहर खेल रहे थे. खेलते-खेलते तीनों पड़ोस में जगदीश चंद्रवंशी के निर्माणाधीन मकान पर पहुंचे. यहां जगदीश ने दो दिन पहले ही भराव के लिए मलबा डलवाया था.
जगदीश ने मलबा गांव की सरपंच सीताबाई चंद्रवंशी के बेटे बाबूलाल के निर्माणाधीन कुएं से लाया था. इस मलबे में बच्चों को डेटोनेटर मिला. जिससे वे सड़क किनारे खेलने लगे. तभी उसमें विस्फोट हो गया.
इससे अनिल के सिर के चिथड़े उड़ गए. कोई कुछ समझ पाता उसके पहले ही उसकी मौके पर ही मौत हो गई. भाई बल्लू उर्फ बलराम व लखन गंभीर घायल हुए. घायलों को रतलाम रैफर किया गया है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बच्चों को डेटोनेटर मिला तो उन्हें लगा कि यह कोई टॉर्च है. इसलिए उन्होंने घर से टॉर्च के सेल निकाले और तार के जरिये उसे जोड़ दिया. इससे डेटोनेटर एक्टिव हो गया और उसमें ब्लास्ट हुआ. मलबे में डेटोनेटर कहां से आया, पुलिस ने इसकी पड़ताल शुरू कर दी है.
क्या कहते हैं जानकार...
इस बारे में शशांक दुबे ने बताया कि सामान्यत: डेटोनेटर व जिलेटिन छड़ों में किसी स्त्रोत से करंट मिलने पर ब्लास्ट होता है. इसके अलावा कई बार ज्यादा प्रेशर पड़ने या ठोस वस्तु से ठोकने पर भी डेटोनेटर फट जाता है. इस मामले में लग रहा है कि डेटोनेटर किसी कुएं की खुदाई के काम में इस्तेमाल के दौरान मलबे में रह गया होगा. लोगों ने इसे ख़राब समझ कर इस्तेमाल नहीं किया होगा. लेकिन यह डेटोनेटर एक्टिव था. इसलिए बच्चों के सेल जोड़ते ही इसमें ब्लास्ट हो गया.