झारखंड के गढ़वा के धुरकी प्रखंड में तेजी से धर्म परिवर्तन किये जाने की खबर है. जानकारी के मुताबिक प्रखंड के खाला गांव में कई परिवारों ने अपने पुराने धर्म को छोड़ ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है. धर्म परिवर्तन करने वालों में अधिकांश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं.
बताया गया है कि धुरकी के ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय एक गिरोह खाला गांव में लोगों को बहला फुसलाकर तेजी से धर्म परिवर्तन करा रहा है. अब तक गांव में 30-40 परिवार ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके हैं.
खाला गांव में निवास कर रहे विलुप्त प्राय आदिम जनजाति कोरवा समुदाय के तीन परिवारों के धर्म परिवर्तन के बाद गांव के लोग गुस्से में हैं. कोरवा समुदाय के लोगों ने सामाजिक बैठक कर धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवारों को समाज से निष्कासित और पूरी तरह बहिष्कृत कर दिया है.
कैसे हुआ खुलासा
खाला गांव में धर्म परिवर्तन का अंधा खेल पिछले दो साल से चल रहा था लेकिन इस खेल में शामिल लोगों की चालाकी के कारण किसी को इसकी भनक नहीं थी. विलुप्त प्राय आदिम जनजाति कोरवा समुदाय के तीन परिवारों नान्हू कोरवा, सुकेन्द्र कोरवा और झरी कोरवा के अपने पुराने धर्म को छोड़ ईसाई धर्म स्वीकार करने के बाद लोगों के कान खड़े हो गए. गांव में कानाफूसी होने लगी. दूसरी ओर कोरवा समाज के लोगों ने सामाजिक बैठक कर तीनों परिवारों को समाज से बहिष्कृत करने का कठोर निर्णय लिया.
बहिष्कृत लोगों से संबंध रखने पर कठोर सजा का प्रावधान
खाला गांव में कोरवा समुदाय के तीन परिवारों के धर्म परिवर्तन से आक्रोशित कोरवा समुदाय ने सामाजिक बैठक में तीनों परिवारों को समाज से बहिष्कृत करने के साथ कई अन्य कठोर फैसले लिए हैं. जानकारी के अनुसार तीनों के यहां शादी विवाह जन्म मरण जैसे सामाजिक कार्य में समुदाय के किसी व्यक्ति के भाग लेने पर पाबंदी लगा दी गई है.
बहिष्कृत लोगों से संबंध रखने पर अर्थ दंड और शारीरिक दंड का भी प्रावधान है. जानकारी के मुताबिक कोरवा समुदाय ने बहिष्कृत लोगों से संबंध रखने पर 25 हजार 51 रुपये अर्थ दंड के साथ साथ 110 बार उठक-बैठक व 51 लाठी का दंड निर्धारित किया है.
कई परिवारों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव
धुरकी में सक्रिय धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के एजेंट लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव दे रहे हैं. खबर है कि खाला गांव निवासी अनुसूचित जाति का एक परिवार सबसे पहले धर्म परिवर्तन कर ईसाई बना. बाद में उसने एजेंट बनकर अनुसूचित जाति समुदाय के कई लोगों का धर्म परिवर्तन करा दिया. बताया जा रहा है कि गांव में अनुसूचित जाति समुदाय के चार भाइयों ने एजेंट के बहकावे में आकर धर्म परिवर्तन कर लिया है. जबकि एक भाई धर्म परिवर्तन को राजी नहीं है. उस पर एजेंट और उसके भाइयों का धर्म परिवर्तन के लिए काफी दबाव है.
बता दें कि कोरवा समुदाय उस समय सुर्खियों में आया था जब पीएम मोदी ने हीरामन कोरवा को सम्मानित किया था. उन्होंने स्थानीय भाषा में एक डिक्शनरी लिखी थी जिसमें 4000 से ज्यादा शब्द थे.