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झारखंड डीजीपी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि डीजीपी राज्य की सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल उनके और उनके परिवार वालों के खिलाफ कर रहे हैं और उन्हें काम करने से रोक रहे थे.

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सुप्रीम कोर्ट
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे ने की थी शिकायत
  • लोकसभा सचिवालय ने जारी किया था नोटिस
  • सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते की लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड डीजीपी एम विष्णु वर्धन राव के खिलाफ जारी विशेषाधिकार हनन नोटिस पर रोक लगा दी है. ये नोटिस लोकसभा सचिवालय ने झारखंड डीजीपी एम विष्णु वर्धन राव के खिलाफ झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर जारी किया था. 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि डीजीपी राज्य की सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल उनके और उनके परिवार वालों के खिलाफ कर रहे हैं और उन्हें काम करने से रोक रहे थे. बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और उन्हें काम करने से रोका जा रहा है. 

इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए लोकसभा की विशेषाधिकार कमिटी ने देवघर के एसपी को 8 सितंबर को पेश होने कहा था. 

इस नोटिस को झारखंड डीजीपी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में  मंगलवार को इस मामले में जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने सुनवाई की. 

इस मामले में झारखंड डीजीपी की ओर से वरिष्ठ वकील एफ एस नरीमन ने पैरवी की. अदालत ने विशेषाधिकार हनन नोटिस पर रोक लगा दी है और लोकसभा सचिवालय से 4 हफ्ते में जवाब तलब किया है.

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