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झारखंड ने रचा इतिहास, ओलंपिक के लिए हॉकी टीम में चुनी गईं दो खिलाड़ी

यह राज्य के लिए पहला अवसर है, जब ओलंपिक के लिए हॉकी टीम में दो खिलाड़ियों का चयन हुआ है. इस तरह से इस बार दोनों ने इतिहास रच दिया है.

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निक्की प्रधान और सलीमा टेटे
निक्की प्रधान और सलीमा टेटे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • झारखंड की दो खिलाड़ियों ने रचा इतिहास
  • हॉकी ओलंपिक के लिए चुनी गईं दोनों खिलाड़ी

झारखंड की दो महिला हॉकी खिलाड़ियों-निक्की प्रधान और सलीमा टेटे- का टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम में चयन हो गया है. यह झारखंड के लिए गौरव का अवसर है, जिसकी वजह से राज्य के लोग काफी खुश हैं. यह राज्य के लिए पहला अवसर है, जब ओलंपिक के लिए हॉकी टीम में दो खिलाड़ियों का चयन हुआ है. इस तरह से इस बार दोनों ने इतिहास रच दिया है.

सलीमा टेटे सिमडेगा जिला के सदर प्रखंड अंतर्गत बड़की छापर गांव की हैं. पिता का नाम सुलक्षण टेटे और माता का नाम सुभानी टेटे है. सलीमा के पिता भी अच्छे हॉकी खिलाड़ी रहे हैं. सुलक्षण गांव की टीम से सलीमा को सिमडेगा जिला के लठ्ठाखम्हन हॉकी प्रतियोगिता में साल 2011 से लगातार खिलवाने ले जाते थे. 

यहीं पर उन्हें बेस्ट खिलाड़ी का भी पुरस्कार मिला. उसी प्रतियोगिता में सिमडेगा के मनोज कोनबेगी की नजर सलीमा पर गई और उनके पिता को सेंटर के लिए ट्रायल देने के लिए कहा. नवंबर, 2013 में उसका चयन आवासीय हॉकी सेंटर, सिमडेगा के लिए हो गया और फिर उसी साल दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ही रांची में आयोजित एसजीएफआई राष्ट्रीय विद्यालय हॉकी प्रतियोगिता के लिए झारखंड टीम के लिए चुना गया. साल 2014 में हॉकी इंडिया द्वारा पुणे में आयोजित राष्ट्रीय सब जूनियर महिला प्रतियोगिता में पहली बार झारखंड टीम से चुनी गईं और टीम ने रजत पदक प्राप्त किया.

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वहीं, खूंटी जिले की रहने वालीं निक्की प्रधान का हॉकी ओलंपिक में चयन हो गया. खूंटी को हॉकी का नर्सरी भी कहा जाता है और जिले से कई खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. निक्की प्रधान दूसरी बार देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. चयन होने के बाद पूरा जिला खुशी व्यक्त कर रहा है.

हॉकी ओलंपिक के लिए चयनित हुईं निक्की प्रधान खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड के अंतर्गत आने वाले गांव हेसल की रहने वाली हैं. उनके पिता सोमा प्रधान बिहार पुलिस में थे ओर माता जितनी देवी घरेलू महिला हैं. परिवार में निक्की समेत चार बहन और एक भाई हैं. चारों बहनें हॉकी की खिलाड़ी हैं.

निक्की की सबसे पहले ट्रेनिंग दशरथ महतो मध्य विद्यालय पेलोल में हॉकी की ट्रेनिंग देते थे. उसके बाद उसका चयन आवासीय हॉकी सेंटर बरियातू के लिए हो गया. बाद में 34वें नेशनल गेम्स, 2011 रांची में निक्की झारखंड की टीम से खेलते हुए बेस्ट खिलाड़ी चुनी गईं. बाद में उनका चयन इंडिया कैंप के लिए हुआ और 2012 जूनियर एशिया कप में कांस्य पदक विजेता रही जूनियर भारतीय महिला टीम की सदस्य रहीं. 

निक्की ने 35वीं नेशनल, 2015 में झारखंड टीम से खेलते हुए बेहतर प्रदर्शन किया और उसी वर्ष सीनियर महिला टीम में आई सिलेक्शन हो गया. साल 2016 ओलंपिक में भी भारतीय महिला हॉकी टीम में निक्की का चयन हो चुका है और उस समय उन्होंने झारखंड की पहली महिला ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी बन कर इतिहास रचा था.

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(सिमडेगा से सुनील सहाय का इनपुट)

 

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