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JPSC Exam: फेल-पास दोनों पक्ष के अभ्यर्थी हाईकोर्ट में आमने-सामने, जानें क्या है मामला

कुछ अंकों से परीक्षा में चूके छात्रों ने हाई कोर्ट में जेपीएससी परीक्षा परिणाम को चुनौती दी थी, जिस पर अदालत ने परीक्षा परिणाम को रद्द कर दिया. उसी आदेश को डबल बेंच में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की ओर से चुनौती देने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. जानें- पूरा मामला...

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
प्रतीकात्मक फोटो (Getty)

झारखंड में छठी जेपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण छात्र अब उच्च अदालत में आमने-सामने हैं. यहां कुछ अंकों से परीक्षा में चूके छात्रों ने हाई कोर्ट में जेपीएससी परीक्षा परिणाम को चुनौती दी थी, जिस पर अदालत ने परीक्षा परिणाम को रद्द कर दिया. उसी आदेश को डबल बेंच में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की ओर से चुनौती देने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. अनुत्तीर्ण छात्र, जिन्होंने परिणाम को चुनौती दी थी, वह भी पहले से मुकम्मल जवाब देने के लिए तैयारी कर चुके हैं. उन्होंने अब अदालत में कैविएट याचिका दायर कर दी है. 

इस याचिका के माध्यम से अदालत को यह जानकारी दी गई है कि झारखंड हाई कोर्ट की ओर से छठी जेपीएससी परीक्षा परिणाम को जो रद्द किया गया है. उस फैसले को अगर हाईकोर्ट में चुनौती दी जाती है तो उस मामले की सुनवाई के दौरान उनका पक्ष बिना सुने किसी भी प्रकार का कोई आदेश पारित ना किया जाए. उन्हें भी सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए. इसी को लेकर याचिका दायर की गई है. 

अधिवक्ता ने बताया कि इस याचिका को इसलिए दायर किया गया है क्योंकि छठी जेपीएससी मामले में अगर किसी भी प्रकार का कोई याचिका दायर होती है और उस पर सुनवाई होती है तो उसमें उन्हें प्रतिवादी बनाया जाए या ना बनाया जाए. लेकिन उन्हें भी उस मामले में अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए.

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जानें- क्या है पूरा मामला 

बता दें कि जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. झारखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मामले में सुनवाई के बाद ये माना कि झारखंड लोक सेवा आयोग  की ओर से छठी जेपीएससी की जो परीक्षा परिणाम घोषित किए गए हैं, उसमें कुछ नियमों की अनदेखी की गई है. विज्ञापन में जो शर्त दिए गए थे, जिस विषय में सिर्फ क्वालीफाइंग मार्क्स लाना था. उस विषय के पूरे अंक को जोड़कर रिजल्ट निकाल दिया गया, ये बहुत ही गलत है.

अदालत ने छठी जेपीएससी के इस परीक्षा परिणाम को रद्द कर दोबारा परीक्षा परिणाम प्रकाशित करने का आदेश दिया है. उस आदेश से प्रभावित अभ्यर्थी अगर एकल पीठ के आदेश को झारखंड हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती देते हैं, तो उस याचिका की सुनवाई के दौरान सुनील कुमार महतो और अन्य को भी अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए. इसी को लेकर हाईकोर्ट में कैविएट याचिका दायर की गई है.

 

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