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झारखंड: शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का प्रदर्शन

शिक्षक दिवस के मौके पर सोमवार को रांची में झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षक संघ ने अपने लंबित मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले निकाले गए इस मार्च में राज्य के कोने-कोने से आए शिक्षकों ने भाग लिया.

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झारखंड
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शिक्षक दिवस के मौके पर सोमवार को रांची में झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षक संघ ने अपने लंबित मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले निकाले गए इस मार्च में राज्य के कोने-कोने से आए शिक्षकों ने भाग लिया. इन शिक्षकों में संस्कृत और मदरसा के शिक्षक भी शामिल थे. मार्च के दौरान संस्कृत के शिक्षक शंख फूंक रहे थे. वहीँ बाकि दूसरे शिक्षक जमकर राज्य सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में नारे लगा रहे थे.

शिक्षकों की ग्यारह सूत्री मांगो में मुख्य मांगे थी ग्रेडिंग के आधार पर इंटर कॉलेजों का अधिग्रहण कर अनुदान देना. 195 स्थापना अनुमति एवं अनुदानित स्कूलों को प्रस्वीकृति की श्रेणी में लाना, इनमें कार्यरत शिक्षकों का वेतनमान 20 से 25 हजार करना, कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करना, संस्कृत विद्यालयों और मदरसों में कार्यरत शिक्षकों को बिहार की तर्ज पर अनुदान देना, अनुदान की राशि सीधे शिक्षकों और कर्मचारियों के खाते में भेजना शामिल है.

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झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने अपनी इन्हीं मांगों को लेकर बीते वर्ष 5 सितंबर को शिक्षा मंत्री का घेराव किया था. जिसके बाद सरकार ने एक उच्च-स्तरीय समिति गठन कर स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के विशेष सचिव को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया था. इस समिति की दो बैठकें भी हुई और कुछ बिन्दुओं पर सहमति भी बनी. लेकिन इस साल शुरुआत में ही अध्यक्ष सेवानिवृत्त हो गए. जिसके बाद से ही न तो सरकार की ओर से अध्यक्ष पद पर ही कोई नियुक्ति हुई और न ही समिति की बैठक ही हुई.

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