scorecardresearch
 

झारखंड: अब ओपन जेल में रहेंगे सरेंडर करने वाले माओवादी

सरेंडर करने वाले माओवादियों को सामान्य जेल के बजाय ओपन जेल में रखा जाएगा. बता दें कि वर्तमान में सरेंडर करने वाले 62 माओवादियों को सामान्य जेलों में रखा गया है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

झारखंड में अपराधियों, उग्रवादियों पर शिकंजा करने के लिए नई रिवॉर्ड पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी के बाद पुलिस की कवायद तेज है. झारखंड पुलिस के मुताबिक, नई सरेंडर पॉलिसी काफी अट्रैक्टिव है. इस सरेंडर पॉलिसी का अगर इनामी नक्सली फायदा उठाते हैं, तो वो एक बेहतर जीवन गुजार सकते हैं. अगर उसकी जानकारी किसी आम नागरिक को मिलती है और वह पुलिस तक उसकी सूचना पहुंचाते हैं तो नक्सली के गिरफ्तारी के बाद रिवॉर्ड मनी आम पब्लिक के पास जाएगा.

झारखंड पुलिस के मुताबिक,  नई सरेंडर पॉलिसी लागू होने के बाद अब भाकपा माओवादियों को मुख्यधारा से तेजी से जोड़ा जाएगा. पुरानी समर्पण नीति के तहत 175 माओवादियों ने सरेंडर किया था. समर्पण कर चुके माओवादियों से किए वादे को जल्द से जल्द निभाने की कोशिश भी झारखंड पुलिस करेगी.

Advertisement

ओपन जेल में रखे जाएंगे आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी

सरेंडर करने वाले माओवादियों को सामान्य जेल के बजाय ओपन जेल में रखा जाएगा. बता दें कि वर्तमान में सरेंडर करने वाले 62 माओवादियों को सामान्य जेलों में रखा गया है. बैठक के दौरान यह तय किया गया है कि चरणबद्ध तरीके से माओवादियों को ओपन जेल में शिफ्ट किया जाएगा. अभी दो माओवादियों को ओपन जेल भेजने का फैसला हुआ है. सरेंडर कर चुके 88 माओवादी जमानत पर छूट चुके हैं, जबकि 8 की मौत हो चुकी है. वहीं जमानत पर छूटने के बाद दो माओवादी फरार हो चुके हैं. जिनकी तलाश जारी है. हजारीबाग स्थित ओपन जेल में नक्सलियों को अपने अपने परिवार के साथ रहने की व्यस्था की गई है.

क्या है नई पॉलिसी?

इस नीति के मुताबिक, अब डीजीपी और  जोन के आईजी स्तर के अधिकारी किसी फरार अपराधी या उग्रवादी पर 5 लाख तक के ईनाम घोषित कर पाएंगे, इसके लिए अब उन्हें गृह विभाग से अनुमति नहीं लेनी होगी. वहीं एक समय में 400 अपराधियों, उग्रवादियों पर पुलिस अब ईनाम घोषित कर पाएगी. अबतक एक यह सीमा 200 थी. नई नीति के तहत एसपी स्तर के अधिकारी एक लाख और डीआईजी स्तर के अधिकारी दो लाख रुपये तक के ईनाम की घोषणा कर सकते हैं. इन रिवॉर्ड पॉलिसी के तहत पुलिस अधिकारियों के अधिकार में इजाफा हुआ है.

Advertisement
Advertisement