झारखंड के गुमला में डायन के नाम पर एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में रांची हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है. गुरुवार को इस मामले में चीफ जस्टिस रवि रंजन ने कहा कि सरकार को अब गहरी नींद से जागना चाहिए. राज्य में डायन कुप्रथा के खिलाफ जागरूकता अभियान सही तरीके से नहीं चल रहा है.
हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और समाज कल्याण सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही इनसे पूछा है कि अब तक जागरूकता के मामले में और इस मामले में अभी तक किस प्रकार की कार्रवाई हुई है. इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी.
झालसा की टीम को जांच का आदेश
चीफ जस्टिस रवि रंजन ने झालसा की एक टीम को भी मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. ये टीम गुमला में घटना स्थल पर जाकर मामले की पड़ताल करेगी और हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगी.
एक ही परिवार के पांच लोगों की हुई थी हत्या
गुमला के कामडारा थाना के बुरुहातु गांव में 22 फरवरी की रात निकोदिन टोपनो के पूरे परिवार की हत्या डायन-बिसाही की शंका के आधार पर कर दी गई थी. हत्या के आरोप में गुमला पुलिस की तरफ से गांव के ही 8 आरोपी सुनील टोपनो, सोमा टोपनो, सलीम टोपनो, फिरंगी टोपनो, फिलिप टोपनो, अमृत टोपनो, सावन तोपनो और दानियल टोपनो को गिरफ्तार किया था.