
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने युवाओं को नौकरी देने की बजाय खुद का ही कोई काम करने की सलाह दे डाली है. सीएम हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने कहा है कि नौकरी तो पैसे कमाने के लिए की जाती है, तो बेरोजगार युवा स्टार्टअप (StartUP) के बारे में क्यों नहीं सोचते. वह अपने स्किल पर ध्यान दें और इसी दिशा में आगे बढ़ें.
सीएम के बयान के बाद झारखंड में सियासत गरमा गई है. विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम युवाओं को बरगलाने की कोशिश न करें, बल्कि ये बताएं कि उन्होंने जो 5 लाख रोजगार देने वादा किया था उसका क्या हुआ.

मुख्यमंत्री के चाईबासा में बयान देने के बाद युवाओं में भी आक्रोश है. राज्य के बेरोजगार युवाओं का कहना है कि नौकरी तो पैसे कमाने के लिए ही की जाती है. अगर कोई भी व्यापार या स्टार्टअप शुरू किया जाए तो इनकम हो सकती है, लेकिन युवाओं की स्किल डवलप करने के बारे में भी सरकार को काम करना होगा.

बता दें कि झारखंड के युवाओं का कहना है कि सरकार ने JPSC में भी पद घटा दिए हैं. 6th JPSC में 326 पदों के लिए बहाली हुई थी. जबकि 7th, 8th, 9th और 10th JPSC में सिर्फ 254 पदों पर आवेदन मंगवाए हैं. साथ ही JSSC ने नियुक्ति परीक्षाओं को दिवाली से ठीक पहले रद्द कर दिया.
झारखंड हाई कोर्ट में लगभग 16,000 पदों पर बहाली के मामले लंबित हैं. बेरोजगार युवा फैसले के इंतजार में हैं. राज्य में लगभग 7.32 लाख से ज़्यादा बेरोज़गार हैं. आलम ये है कि कई विभागों में 3.29 लाख पद रिक्त पड़े हैं. लेकिन उन पर भर्ती न किए जाने से युवाओं में आक्रोश है.