झारखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है. सरकार के पक्ष में 43 वोट, जबकि विपक्ष में 37 वोट पड़े. इसके साथ ही राज्य में एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का वर्चस्व देखने को मिलेगा.
इससे पहले जेएमएम सरकार का गठन 13 जुलाई को हुआ था. राज्यपाल सैयद अहमद ने उन्हें एक सप्ताह के भीतर बहुमत साबित करने के लिए कहा था. इसी के मद्देनजर गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था. झारखंड की 82 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए हेमंत को कम से कम 42 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी, जबकि उनके पक्ष में 43 वोट पड़े.
वहीं, दूसरी ओर JMM की फरार चल रही विधायक सीता सोरेन छिपकर विधानसभा पहुंची थी. विपक्षी झारखंड विकास मोर्चा विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने प्रदेश सरकार के लोगों पर पार्टी विधायक निजामुद्दीन अंसारी का अपहरण करने का आरोप लगाया है.
इस बीच अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में बनी पिछली राज्य सरकार में शामिल जेडीयू के दोनों विधायकों को उनके केंद्रीय नेतृत्व ने सरकार के विश्वास मत के खिलाफ मतदान के निर्देश दिए थे.
झारखंड में विपक्ष के नेता अर्जुन मुंडा ने कहा था कि हेमंत सोरेन ने JMM और झारखंड राज्य को दांव पर लगाकर सौदेबाजी कर सरकार गठित की है जो चल नहीं पाएगी.
पिछले 13 जुलाई को गठबंधन सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ लेने वाले सोरेन ने 9 जुलाई को राज्यपाल को अपना समर्थन कर रहे 43 विधायकों की सूची सौंपी थी.
गौरतलब है कि 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 10 और जेएमएम चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसी समझौते के तहत हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद मिला है. मौजूदा झारखंड विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर, 2014 में समाप्त होगा. वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल में यह तीसरी सरकार है.