झारखंड की सरकार ने नियोजन वर्ष में युवाओं के लिए सौगात की घोषणा की. मुख्य्मंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के दौरान निजी क्षेत्र में 75% नौकरी में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का ऐलान किया है. इसके अलावा बेरोजगारों को भी सालाना 5 हज़ार रुपये बेरोज़गारी भत्ता देने की घोषणा की है. कैबिनेट ने इन बड़े फैसलों पर बीते शुक्रवार यानी 12 मार्च को ही मुहर लगा दी थी. विधानसभा में सीएम के घोषणा के साथ ही यह अब लागू हो गया है.
हालांकि स्थानीय बेरोजगार के लिए निजी क्षेत्र की नौकरी में 75% का आरक्षण, सिर्फ 30 हजार तक की सैलरी पा रहे लोगों के लिए ही मान्य होगा. इसके अलावा युवाओं को मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत प्रति वर्ष 5 हजार रुपये तक की राशि दी जाएगी. विधवा, दिव्यांग और आदिम जनजाति को 50 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा.इसके अलावा सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के आश्रितों को एक लाख रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
सदन में जब CM ने तमाम घोषणा की तब सत्तापक्ष ने ध्वनिमत से ऐलान का स्वागत किया. लेकिन निर्दलीय विधायक सरयू राय ने इस फैसले पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि अगर हर महीने युवाओं को 5000 मिलता है तो ठीक था, अन्यथा साल भर के लिए युवाओं को सोचना पड़ेगा देखिए फैसला जमीन पर कब तक दिखता है.
मांडर से कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि सरकारी खजाना खाली है, ऐसे में सरकार का यह फैसला सराहनीय व साहसिक कहा जा सकता है. वहीं बाीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार के फैसले और मुख्यमंत्री के ऐलान पर सवाल उठाया है.
उनका सवाल है कि निजी क्षेत्र में आरक्षण तो दे देंगे लेकिन वहां स्किल्ड लेबर या स्किल्ड मैनपावर की जरूरत होगी तो सरकार निजी कंपनी या फैक्ट्री को वैसा मैनपावर कैसे उपलब्ध करवाएगी. अभी कुछ समय बाद पता चलेगा कि आखिर इस फैसले का नतीजा क्या निकलता है.
बता दें निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण स्थानीयों के लिए लागू करने वाले झारखंड तीसरा राज्य बन गया है. इससे पहले हरियाणा और MP में इसे लागू किया जा चुका है.