झारखंड के पलामू जिले के पाटन थाना क्षेत्र के केल्हार गांव में गैस लिकेज के बाद आग लग गई, जिससे पांच मजदूर झुलस गए. इनमें गंभीर रूप से जख्मी दो मजदूरों को बेहतर इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया गया है. जबकि तीन का इलाज मेदिनीनगर एमएमसीएच में चल रहा है.
गैस लिकेज की घटना खाना बनाने के दौरान हुई. गैस गोदाम के कमरे में कुछ मजदूर खाना बना रहे थे. इसी बीच लिकेज से आग लग गई. बताया जाता है कि केल्हार गांव में रिमझिम एचपी गैस गोदाम है. इसके प्रोपराइटर गंगा प्रसाद हैं. ऑफिस के पास ही गैस का गोदाम है.
गैस गोदाम के पास बने एक कमरे में स्टाफ के लोग खाना बनाते और खाते थे. रोजाना की तरह काम करने के बाद शनिवार की दोपहर गैस एजेंसी के पांचों स्टाफ कमरे में खाना बनाने पहुंचे. इसी बीच गैस सिलेंडर में लीकेज के कारण आग लगने की घटना हुई, जिसके चपेट में आने से पांच लोग झुलस गए.
सभी घायल एचपी गैस एजेंसी के स्टाफ
इस घटना में सेमरी के गणेश यादव के पुत्र बीरेंद्र कुमार (30 वर्ष) और लालो राम का पुत्र सन्नी कुमार (20 वर्ष) गंभीर रूप से जख्मी हो गए. आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार किया गया और बेहतर इलाज के लिए दोनों को रिम्स रेफर कर दिया गया. वहीं केल्हार गांव के 22 वर्षीय नरेंद्र कुमार, 29 वर्षीय रवि कुमार और सेमरी का रहने वाला मनोज कुमार का इलाज एमएमसीएच में चल रहा है. जलने वाले सभी एचपी गैस के रिमझिम एजेंसी के स्टॉफ हैं.
जख्मी हुए रवि कुमार ने बताया कि करीब एक बजे सभी साथी खाना बनाने की तैयारी में थे. आमलेट बनाने के लिए लाइटर से जैसे ही गैस चूल्हा जलाने की कोशिश की गई. वैसे ही कमरे में आग लग गई. इससे चीख पुकार मच गई. हल्ला सुनकर और लोग पहुंचे और आग को किसी तरह से बुझाया गया. साथ ही सभी को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया गया. एजेंसी के एक स्टाफ प्रेमचंद कुमार ने कहा कि सिलेंडर अगर आग पकड़ लेता तो बड़ा हादसा हो जाता.