रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) लोहरदगा ने नाबालिग लड़के को सुरक्षित रेस्क्यू किया है. यह मामला 28 दिसंबर 2025 का है, जब लोहरदगा रेलवे स्टेशन पर नियमित जांच के दौरान आरपीएफ की सतर्क नजर एक मासूम बच्चे पर पड़ी, जो प्लेटफार्म संख्या-01 पर अकेला बैठा हुआ था.
ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ पोस्ट लोहरदगा के अधिकारी एवं जवान प्लेटफार्म पर नियमित चेकिंग कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें एक लगभग 6 वर्षीय बालक अकेले और सहमा हुआ दिखाई दिया. बच्चे की स्थिति को देखते हुए आरपीएफ कर्मियों को संदेह हुआ, जिसके बाद उससे शालीनता और संवेदनशीलता के साथ बातचीत की गई. पूछताछ में बालक ने अपना नाम निखिल कुमार साहू बताया. उसने बताया कि वह राम मंदिर चुटिया, थाना चुटिया, जिला रांची (झारखंड) का निवासी है. बालक ने अपने पिता का नाम कृष्णा साहू और माता का नाम अनीता देवी बताया. मासूम निखिल ने बताया कि वह गलती से रांची से ट्रेन संख्या 68037 में सवार हो गया था और उसे पता ही नहीं चला कि ट्रेन उसे लोहरदगा ले आई.
बालक की बात सुनते ही आरपीएफ कर्मियों ने पूरी गंभीरता से मामले को संभाला और तत्काल उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की. सबसे पहले बच्चे को शांत किया गया और उसे सुरक्षित स्थान पर बैठाकर पानी व आवश्यक सहयोग दिया गया. इसके बाद नियमानुसार मामले की सूचना मोबाइल फोन के माध्यम से चाइल्ड हेल्पलाइन लोहरदगा को दी गई.
चाइल्ड हेल्पलाइन लोहरदगा के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रवि कुमार को भी तुरंत इस संबंध में अवगत कराया गया. सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं का पालन करते हुए बच्चे की पहचान, विवरण और परिस्थितियों का रिकॉर्ड तैयार किया गया, ताकि आगे की प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी न हो. इस काम को अंजाम देने में आरपीएफ के एएसआई एस. आसिमुद्दीन तथा स्टाफ एस. हस्सा और भारत सिंह की अहम भूमिका रही. स्थानीय लोगों और रेलवे प्रशासन ने आरपीएफ की इस तत्परता और मानवीय पहल की प्रशंसा की है.