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रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में नवजात को कुत्तों ने नोचकर खाया

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यानी 'रिम्स' में एक नवजात को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बना लिया. यह घटना रविवार रात की है.

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राजेंद्र इंस्ट्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस
राजेंद्र इंस्ट्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यानी 'रिम्स' में एक नवजात को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बना लिया. यह घटना रविवार रात की है.

बताया जाता है किसी दम्पति ने अपने बच्चे को लाल कपड़े से लपेटकर रिम्स के परिसर में छोड़ दिया था, जहां वह कुत्तों का शिकार बन गया. हालांकि, नवजात जिंदा था या मृत इस बात पता नहीं चल पाया है. वैसे मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं.

दरअसल, बीती रात इस अस्पताल में पल रहे आवारा कुत्तों ने एक नवजात बच्चे को अपना शिकार बनाया. हैरत इस बात से है कि इस अस्पताल परिसर में सुरक्षा के लिए 450 सुरक्षा कर्मियों की भारी-भरकम फौज तैनात है. बाबजूद इसके किसी की नजर इस पर नहीं पड़ी और एक बेबस नवजात को कुत्तों ने नोच-नोचकर अपना निवाला बना डाला.

वैसे राज्य के मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश जारी करते हुए तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है, लेकिन राज्य का स्वास्थ्य विभाग बिना जांच के ही मामले की लीपापोती में लग गया है. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है की कुत्तों ने पास के तालाब से बच्चे का शव उठा कर रिम्स में लाया, लेकिन गौर करने वाली बात ये कि जिस जगह नवजात को कुत्तों खाया वह तालाब उस जगह से करीब 700 मीटर दूर है और बच्चा एक कार्टून में बंद था.

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इसके साथ ही तालाब के रास्ते 24 घंटे चहल-पहल होती है ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री का का तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है. वैसे रिम्स में आवारा कुत्तों का वार्ड में यहां तक आईसीयू में घुसने की बात सामने आ चुकी है. ऐसे में एक नवजात के कुत्तों का निवाला बनने की घटना अपने-आप में जितनी दर्दनाक है उतनी ही शर्मनाक भी.

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