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आतंकवादियों के दो हमलों में एक जवान सहित तीन की मौत

कश्मीर में सोमवार को आतंकवादियों ने दो अलग-अलग घटनाओं में सेना के एक गश्ती दल और बीएसएनएल के एक 'फ्रेंचाइजी' को निशाना बनाया. इस हमले में एक सैनिक और एक आतंकवादी सहित तीन लोगों की मौत हुई और दो लोग घायल हो गए.

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कश्मीर में सोमवार को आतंकवादियों ने दो अलग-अलग घटनाओं में सेना के एक गश्ती दल और बीएसएनएल के एक 'फ्रेंचाइजी' को निशाना बनाया. इस हमले में एक सैनिक और एक आतंकवादी सहित तीन लोगों की मौत हुई और दो लोग घायल हो गए.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के यारीपोरा के कांजीकुला में सेना के एक गश्ती दल पर गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि इस गोलीबारी में जवान धरम राम घायल हुआ और बाद में धरम राम की मौत हो गई. पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने तत्काल क्षेत्र को घेर लिया और एक आतंकवादी को एक बाग में खोज लिया. वहां हुई मुठभेड़ में आतंकवादी मारा गया.

इसके पहले आतंकवादियों ने यहां से 52 किलोमीटर दूर उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में सोपोर के इकबाल बाजार में बीएसएनएल के एक 'फ्रेंचाइजी आउटलेट' पर गोलीबारी की. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जाहिर तौर पर यह हमला दूरसंचार परिचालकों को लक्षित था जिन्हें पहले भी धमकी दी जाती रही है.

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उन्होंने बताया कि गोलीबारी में बीएसएनएल 'फ्रेंचाइजी' के तीन कर्मी घायल हो गए. घायलों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में रेफर कर दिया. घायलों में एक26 वर्षीय मोहम्मद रफीक की श्रीनगर अस्पताल में मौत हो गई. रफीक कुपवाड़ा जिले के हंडवारा इलाके का रहने वाला था. अधिकारी के अनुसार 40 वर्षीय गुलाम मोहम्मद भट और 30 वर्षीय इम्तियाज अहमद का इलाज चल रहा है. दोनों सोपोर के रहने वाले हैं. सोपोर क्षेत्र में बीते 48 घंटे से भी कम समय में यह ऐसा दूसरा हमला है.

इसके पहले संदिग्ध आतंकियों ने 23 मई और 24 मई की मध्य रात्रि को एक रिहायशी परिसर पर ग्रेनेड फेंका था. हालांकि अधिकारियों ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि आतंकवादी दूरसंचार से जुड़े प्रतिष्ठानों को क्यों निशाना बना रहे हैं? लेकिन सूत्रों ने बताया कि आतंकी सोपोर और इसके आसपास के इलाकों में मोबाइल ट्रांसमिशन टावरों से अपने संचार उपकरणों के 'चोरी' होने की वजह से नाराज हैं. आतंकियों ने निजी एवं सरकारी कंपनियों के टावरों के ऊपर कथित रूप से अपने संचार उपकरण लगा रखे थे.

 

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