scorecardresearch
 

तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर की जमीन का एक इंच भी नहीं ले सकता: आजाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद, जम्मू-कश्मीर की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता. जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए, पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की मांग पर आजाद ने कहा कि बातचीत करने का फैसला केंद्र पर छोड़ देना चाहिए.

Advertisement
X
पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत करने का फैसला सरकार पर छोड़ देना चाहिए
पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत करने का फैसला सरकार पर छोड़ देना चाहिए
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जो भी पार्टी सत्ता में आती है, उसकी प्राथमिकता सीमाओं की रक्षा होती है
  • पाकिस्तान से बातचीत शुरू करने का फैसला सरकार पर छोड़ना चाहिए
  • राजनीति लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने के लिए होती है

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद जम्मू-कश्मीर की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता. जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए, पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की मांग पर आजाद ने कहा कि बातचीत करने का फैसला केंद्र पर छोड़ देना चाहिए.

जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास खुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, आजाद ने कहा कि सीमावर्ती निवासी भारतीय सीमाओं के संरक्षक हैं और सुरक्षा बलों के साथ खड़े हैं.

'पाकिस्तान हमारी जमीन का एक इंच भी नहीं ले सकता'

उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में आपको पाकिस्तानी गोलाबारी और गोलीबारी के कारण बहुत कुछ सहना पड़ा है. यह आपकी तीसरी पीढ़ी है जो बंदूकों की आवाज में पैदा हुई और पली-बढ़ी. पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए खदानें बिछाए जाने के बाद आपके खेत बंजर हो गए हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि 'पाकिस्तान की तरफ से होने वाली गोलीबारी में आपने कई जानें, घर और आमदनी गंवाई है. लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान हमारी जमीन का एक इंच भी नहीं ले सकता.'

Advertisement

उन्होंने कहा कि यह भारत की महानता है कि जो भी पार्टी सत्ता में आती है, उसकी प्राथमिकता सीमाओं की रक्षा होती है. पाकिस्तान को 1971 में उसकी हार की याद दिलाना चाहता हूं, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हमारी सेना ने बांग्लादेश को अलग किया था. अगर आप कोई दुस्साहस करेंगे, तो हम आपको सबक सिखाएंगे.

'पाकिस्तान से बातचीत शुरू करने का फैसला सरकार पर छोड़ना चाहिए'

आजाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत शुरू करने का फैसला सरकार पर छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ भी नहीं हूं क्योंकि मुझे बात नहीं करनी है. और मुझे तो स्थिति की गंभीरता के बारे में भी नहीं पता है. यह पहली बार नहीं है. पहले भी, हमारी सरकार के दौरान हमने पाक से बातचीत बंद कर दी थी. जब दोनों देशों के बीच चीजें बेहतर होती हैं और माहौल अनुकूल होता है, तो बातचीत हो सकती है.'

'राजनीति लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने के लिए होती है'

विधानसभा चुनावों से पहले क्षेत्र में स्थिति के ध्रुवीकरण के प्रयासों के खिलाफ लोगों को आगाह करते हुए आजाद ने कहा कि राजनीति लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने के लिए होती है, लेकिन कुछ राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल हैं जो धर्म, क्षेत्र, जाति और पंथ के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा, 'हम पिछले 31 साल से पाक प्रायोजित आतंकवाद से लड़ रहे हैं. हम अंदरूनी लड़ाई बर्दाश्त नहीं कर सकते. अगर हमें आगे बढ़ना है, तो हमें एकजुट रहना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने कभी भी क्षेत्र या धर्म के आधार पर राजनीति नहीं की. हम लोगों की भलाई, उनकी समृद्धि के लिए काम करना जारी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भेदभाव न हो.

भाजपा पर साधा निशाना

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश 'गलत राजनीति' का गवाह है, जो न्याय पर आधारित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार हर नागरिक के लिए समान है और न्याय करती है, चाहे किसी ने उसे वोट दिया हो या नहीं. हर किसी को उसका अधिकार दिया जाना चाहिए, लेकिन आज स्थिति यह है कि केवल सत्ताधारी पार्टी के करीबी लोगों को कॉन्ट्रैक्ट मिल रहे हैं, जबकि बाकियों को दरकिनार किया जा रहा है.

'जम्मू-कश्मीर में स्कूलों को बंद करना एक साजिश'

आजाद ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में स्कूलों को बंद करना एक साजिश की तरह लगता है, क्योंकि देश के बाकी हिस्सों के युवाओं के लिए सरकारी नौकरियां खोली गई हैं. जब हमारे छात्र इतने लंबे समय के लिए अपने स्कूलों से बाहर रहेंगे, तो वे बाकी जगह अपने समकक्षों के साथ कैसे प्रतिस्पर्धा करेंगे.

Advertisement

उन्होंने कहा कि जहां शेष भारत आगे बढ़ रहा है, वहीं जम्मू-कश्मीर के लोग गरीबी की ओर बढ़ रहे हैं. हमें एक बदलाव की जरूरत है, जो तभी संभव है जब आप हमारा समर्थन करें. आपने नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और बीजेपी का शासन देखा है और अब आपके लिए यह तय करना आसान है कि वोट किसे देना है.


 

Advertisement
Advertisement