पीडीपी और बीजेपी के संबंधों में खटास को लेकर हो रही चर्चाओं पर जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह का कहना है कि पीडीपी और बीजेपी के संबंधों में कोई खटास नहीं है और दोनों के संबंध अच्छे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों मिलकर वहां सरकार चला रहे हैं और सरकार ने अच्छा काम किया है. आगे भी अच्छा काम करेंगे.
गौरतलब है कि पिछले दिनों ऐसी खबरें आईं थीं कि बीजेपी और पीडीपी के संबंधों में कुछ मतभेद आ गए है. कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी लगातार वहां की सरकार की आलोचना होती रही है. राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर भी खबरें उठती रही हैं. पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री से आकर मुलाकात भी की थी.
राज्य में राष्ट्रपति शासन को लेकर हो रही चर्चाओं पर निर्मल सिंह का कहना है कि यह सब मीडिया की खबरें हैं. मीडिया में ही इसकी चर्चा ही रहती हैं. जमीनी तौर पर ऐसा कोई भी मामला नहीं है. जम्मू-कश्मीर के जो हालात हैं और पीडीपी और बीजेपी की अलग-अलग मुद्दों पर अपनी अप्रोच है. उसको लेकर हमारे विरोधी समय-समय पर ऐसा माहौल क्रिएट करते हैं कि वहां पर ध्रुवीकरण हो, इसके बावजूद पीडीपी बीजेपी की सरकार दो साल चली. अच्छा काम कर रही है. राज्य में बहुत अच्छी तरक्की हो रही है.
राष्ट्रपति शासन के सवालों पर निर्मल सिंह ने कहा, 'मीडिया अटकलें लगा रहा था. यह बातें हमने भी सुनी है, लेकिन जमीन पर ऐसी कोई बात नहीं है. जो कमियां कानून-व्यवस्था को लेकर हुईं, उसको लेकर हम सब चीजें कर रहे हैं. सरकार अच्छी चल रही है. एमएलसी के चुनाव में एक एमलए कांग्रेस को वोट नहीं देना चाहता थे, इसलिए उन्होंने बीजेपी के कैंडिडेट को वोट दिया. उसको लेकर कुछ बातें आई थी. अंदर का मामला था. हमने उसको ठीक कर किया है.'
उन्होंने कहा कि यह गठबंधन गवर्नेंस का है, न कि किसी विचारधारा का और न ही यह कोई राजनीतिक गठबंधन है. जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इस प्रकार का मैंडेट भी दिया की अच्छी सरकार चलाइए. हमने अच्छी सरकार चलाई है. काम करने का एक डेढ साल से ज्यादा का मौका मिला नहीं है. फिर भी अच्छा काम कर रहे हैं. भ्रष्टाचार कम हुआ है. जहां तक कानून-व्यवस्था का सवाल है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं.
पत्थरबाजों को ग्लोरिफाई करते हैं कुछ नेता
पत्थरबाजों की बढ़ती घटनाओं पर निर्मल सिंह का कहना है कि वहां पर जिस प्रकार का माहौल क्रिएट किया गया है, वहां की मुख्य पार्टी जैसे फारूक अब्दुल्ला साहब हैं, ऐसे लोग अगर उनको ग्लोरिफाई करेंगे तो उसका एक इंपैक्ट तो रहता ही
है. लेकिन हमने कंट्रोल किया है. आगे भी कंट्रोल किया जाएगा.