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'जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक हैं हिंदू लेकिन नहीं मिलता योजनाओं का लाभ', कश्मीरी पंडित का छलका दर्द

जम्मू कश्मीर के हिंदुओं का कहना है कि वे कम संख्या में होने के बावजूद अल्पसंख्यक का दर्जा न होने के कारण योजनाओं के लाभ से वंचित हैं. अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाना चाहिए.

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वीर बिलोव
वीर बिलोव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग का हो गठन- वीर बिलोव
  • पूर्व डिप्टी CM कविंदर गुप्ता ने केंद्र के हलफनामे का किया स्वागत

जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले के रहने वाले हैं वीर बिलोव. कश्मीरी पंडित वीर बिलोव को साल 1990 में कश्मीर घाटी छोड़नी पड़ी थी. अपने परिवार के साथ कश्मीर छोड़ने वाले शोपियां के वीर बिलोव कहते हैं कि जम्मू कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यक हैं.

वीर बिलोव ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में हिंदुओं के अल्पसंख्यक होने के बावजूद उन्हें अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं मिलता. उन्होंने जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग के गठन की मांग करते हुए कहा कि इससे धार्मिक अल्पसंख्यकों की पहचान हो सकेगी. जम्मू कश्मीर के हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाना चाहिए.

वीर बिलोव ने कहा कि मेरी बेटी को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति मिल सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं है. वीर बिलोव की बेटी बामन बिलोव ने कहा कि मेरे माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे उच्च शिक्षा दिला सकें. इस परिवार का दर्द है कि कम संख्या होने के बावजूद भी अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं होने के कारण वे अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ से वंचित हैं.

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हिंदुओं को मिले अल्पसंख्यक का दर्जा

केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किए जाने पर जम्मू कश्मीर के हिंदुओं ने प्रसन्नता जताई है. एकजुट जम्मू संगठन के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के वकील अंकुर शर्मा ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में मुसलमानों को अवैध तरीके से अल्पसंख्यक का लाभ मिल रहा है.

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उन्होंने कहा कि इसी तरह की एक याचिका मैंने भी 2016 में सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. तब भी केंद्र ने इसी तरह का हलफनामा दायर कर कहा था कि जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यकों की पहचान की जानी है. जम्मू कश्मीर में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाना चाहिए. अंकुर शर्मा ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाता है तो मुस्लिम अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ नहीं ले सकेंगे. हालांकि, वे राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक हैं.

पूर्व डिप्टी सीएम ने किया हलफनामे का स्वागत

जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं. उनको अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ मिलने चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे का स्वागत किया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अलग-अलग राज्यों में अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए गाइडलाइंस तय करने के लिए निर्देश दिए जाने की मांग की थी.

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जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता
जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता

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उन्होंने कहा था कि कई राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं लेकिन उनको अल्पसंख्यकों के अधिकार नहीं मिलते. अब इस मसले पर केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है. केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर ये कहा गया है कि राज्य सरकार अपने यहां हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकती है.

 

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