जम्मू कश्मीर में तनावग्रस्त किश्तवाड़ के अल्पसंख्यक व्यापारिक समुदाय ने चेतावनी दी है कि ईद के बाद नगर में भड़की झड़पों के बाद अगर राज्य सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कदम नहीं उठाए और उन्हें मुआवजा नहीं दिया तो वह इलाका छोड़कर चले जाएंगे.
किश्तवाड़ चैंबर आफ कॉमर्स के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा, 'हम सुरक्षा और लाइसेंसी हथियार चाहते हैं. सरकार पिछले शुक्रवार को आगजनी में हुए नुकसान की भरपाई करे.'
कुछ लाख से नहीं होगी भरपाई
आगजनी में कपड़ों की दुकान का माल गंवाने वाले गुप्ता ने आरोप लगाया कि झड़पों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कुल 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, 'अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम किश्तवाड़ छोड़कर चले जाएंगे. हम ऐसे हमले बार-बार झेल रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'ऐसी झड़पें हमारे लिए नहीं हैं. हमने ऐसे हमले 1993, 1998, 2003 और 2008 में झेले हैं लेकिन वे कम तीव्रता के थे.' गुप्ता ने दावा किया किया कि झड़पों में 150 छोटे और बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रभावित हुए, लेकिन सरकार कुछ लाख रुपये मुआवजा ही देगी.
खुद को कोस रहे हैं व्यापारी
वहीं जम्मू के मंडलायुक्त शांतमनु ने बताय कहा, 'कुल 68 दुकानें, 7 होटल और 35 वाहन हिंसा में क्षतिग्रस्त हुए और तीन लोगों की जान भी चली गई.'
पिछले शुक्रवार को प्लाईवुड और हार्डवेयर की अपनी दो दुकानें गंवाने वाले खुशीराम शान ने कहा, 'उपद्रवियों की लगाई गई आग में मेरा पूरा व्यापार स्वाहा हो गया. उसकी कीमत करीब 20 लाख रुपये थी और वही मेरी जीविका थी.' हाल ही में खाने की एक दुकान लगाने के लिए कर्ज लेने वाले विजय कुमार परिहार तो खुद को कोसते नजर आए कि उन्होंने अपना व्यापार किश्तवाड़ में क्यों लगाया. उन्होंने कहा, 'मेरी दुकान को आग लगा दी गई, वह मेरा सपना था.'
इस बीच प्रधान सचित (गृह) सुरेश कुमार ने बीती रात संवाददाताओं से कहा, 'पलायन का कोई खतरा नहीं है.' उन्होंने कहा, 'हम विश्वास बहाली के उपाय करेंगे और जहां भी जरूरत होगी वहां सुरक्षा मुहैया कराएंगे.'