
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में उनकी पार्टी के उम्मीदवार को नामांकन से पहले हिरासत में लिया गया है. उन्होंने पार्टी उम्मीदवार को रिहा किए जाने की मांग की है.
महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को ट्वीट किया, भारत सरकार डीडीसी चुनावों में गैर बीजेपी दलों को हिस्सा लेने से रोक रही है. पीडीपी के बशीर अहमद को सुरक्षा का हवाला देते हुए पहलगाम में हिरासत में ले लिया गया जबकि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे. महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को टैग करते हुए लिखा, नॉमिनेशन का आज अंतिम दिन है. पीडीपी उम्मीदवार की रिहाई के लिए अनंतनाग के जिला कलेक्टर से बात की है.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा मुझे आज रामबिरा नाला जाने से रोक दिया गया. यह वह जगह है जहां अवैध निविदाओं के जरिए रेत निकासी का काम बाहरी लोगों के लिए आउटसोर्स कर दिया गया है और स्थानीय लोगों को इस क्षेत्र से रोक दिया गया है. हमारी जमीन और संसाधनों को भारत सरकार द्वारा लूटा जा रहा है.
I was stopped from visiting Rambiara Nalla today by local admin. This is where sand extraction through illegal tenders has been outsourced to outsiders & locals are barred from the area.Our land & resources are being plundered by GOI that has nothing but contempt for us pic.twitter.com/dF7KnZqMG0
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 21, 2020
जम्मू-कश्मीर में डीडीसी के चुनाव की प्रक्रिया जारी है. वहीं गुपकार समझौते को लेकर अब्दुल्ला परिवार और महबूबा मुफ्ती लगातार बीजेपी नेताओं के निशाने पर हैं. वहीं महबूबा मुफ्ती का कहना था कि बीजेपी लोगों के असंतोष और वास्तविक मुद्दों को खारिज करने की कोशिश कर रही है.
यह वास्तविक मुद्दों से हटने की रणनीति है. देश के लिए उनकी क्या दूरदर्शिता है. जवाहरलाल नेहरू के पास विजन था, इनके (बीजेपी) पास कोई विजन नहीं है. दुर्भाग्य से अधिकांश मीडिया बीजेपी के प्रोपेगेंडा की बात करती है. जम्मू-कश्मीर के संविधान को लूटा गया है.
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इंडिया टुडे से बातचीत में गुपकार समझौते पर महबूबा मुफ्ती का कहना था कि हम सभी मुख्य धारा के दल हैं और हमने जम्मू-कश्मीर के संविधान की रक्षा करने की शपथ ले रखी है. मेरे पिता ने उस वक्त तिरंगा फहराया था जब ये एक टैबू हुआ करता था. हम उसका बचाव करेंगे.