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कश्मीरी पंडितों की चाहत, घाटी में उनके लिए बने अलग बस्ती

जम्मू-कश्मीर से लेकर केंद्र तक और अलगाववादियों से लेकर सियासत के सूरमाओं तक हर जगह कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को लेकर चर्चा का दौर जारी है. लेकिन इस बीच विस्थापित कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने भी अपनी राय रखी है. संगठन का मत है कि उनके लिए घाटी में अलग बस्ती का निर्माण ही एकमात्र व्यावहारिक विकल्प है.

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जम्मू-कश्मीर से लेकर केंद्र तक और अलगाववादियों से लेकर सियासत के सूरमाओं तक हर जगह कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को लेकर चर्चा का दौर जारी है. लेकिन इस बीच विस्थापित कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने भी अपनी राय रखी है. संगठन का मत है कि उनके लिए घाटी में अलग बस्ती का निर्माण ही एकमात्र व्यावहारिक विकल्प है.

पन्नून कश्मीर के अध्यक्ष अश्विनी कुमार चुरंगू ने सोमवार को एक समारोह में कहा, 'हमारी भू-राजनीतिक आकांक्षाएं मार्गदर्शन प्रस्ताव में भलीभांति उल्लेखित हैं और समुदाय ने निर्वासन के इन 25 साल में समय समय पर इनका समर्थन किया है.'

कुमार ने दावा किया कि कश्मीरी पंडित समुदाय कश्मीर में जमीनी हकीकत से पूरी तरह वाकिफ है और अगर समुदाय मूल विचारधारा से भटकाने की किसी भी कोशिश का विरोध करेगा. संगठन का यह मत इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि बीते दिनों विस्थापित पंडितों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर भी इस ओर प्रदर्शन किया था. हालांकि अभी तक अलग बस्ती जैसी चाहत सामने नहीं आई थी.

-इनपुट भाषा से

 

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