scorecardresearch
 

फिदायीन हमले की साजिश....पाकिस्तान में बनी दवाइयां, क्या 'पठानकोट 2.0' की तैयारी में थे आतंकी?

जम्मू के सुंजवां में हुए आतंकी हमले में दो दहशतगर्दों को मौत के घाट उतार दिया गया है. एक जवान भी शहीद हुआ है. ऐसे इनपुट मिले हैं कि सुंजवां में फिदायीन हमले की साजिश थी.

Advertisement
X
2016 में हुआ था पठानकोट हमला
2016 में हुआ था पठानकोट हमला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पठानकोट अटैक में थी फिदायीन हमले की साजिश
  • जवानों पर फेंके गए थे ग्रेनेड, फायरिंग

जम्मू के सुंजवां इलाके में सुरक्षाबलों की आतंकियों संग जोरदार मुठभेड़ हुई. इस एनकाउंटर में दो जैश के आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया. लेकिन कार्रवाई के दौरान एक जवान भी शहीद हुआ और चार अन्य घायल हुए. अब जब पूरे इलाके को घेर लिया गया है और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, तब कुछ ऐसे सुराग मिले हैं जो एक बड़े आतंकी हमले की ओर इशारा कर रहे हैं.

DIG अनिल पांडे ने जानकारी दी है कि ऐसे इनपुट मिले थे कि सुंजवां में आतंकियों द्वारा फिदायीन हमला किया जा सकता है. वहां पर जैश के आतंकी सक्रिय बताए जा रहे थे. ऐसे में वहां पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था और तब आतंकियों संग मुठभेड़ शुरू हो गई. एनकाउंटर में दोनों आतंकियों को मार गिराया गया है.

दरअसल इस एनकाउंटर के पहले शुक्रवार सुबह करीब साढ़े चार बजे आतंकियों ने चट्ठा कैंप के करीब सीआरपीएफ की बस पर ग्रेनेड हमला किया था. उस समय बस में 15 जवान सवार थे. उस ग्रेनेड हमले के बाद ही सुरक्षाबल सक्रिय हुए और फिर सुंजवां में एनकाउंटर शुरू हो गया. करीब पांच घंटे तक लगातार ताबड़तोड़ फायरिंग होती रही. इसमें जैश के दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया है. इस एनकाउंटर में एक जवान शहीद और 4  जवान घायल हैं जिनका इलाज जारी है.

Advertisement

शहीद जवान सीआईएसएफ के एएसआई एसपी पटेल हैं. पुलिस हेड कांस्टेबल कठुआ के बलराज सिंह, अखनूर के एसपीओ साहिल शर्मा, ओडिशा के सीआईएसएफ के प्रमोद पात्रा और  असम के अमीर सोरन घायलों में शामिल हैं.

अब जांच के दौरान एजेंसियों को मौके से कुछ दवाई के पैकेट भी बरामद हुए हैं. उन दवाइयों पर उर्दू में कुछ मार्किंग हो रही है. कहा जा रहा है कि इन दवाइयों का निर्माण पाकिस्तान में हुआ है. ऐसे में सुंजवां में ये दहशतगर्द पाकिस्तान से आए थे, इसकी आशंका जताई जा रही है.

वैसे जिस तरीके से इस सुंजवां हमले को अंजाम दिया गया, इसकी तुलना साल 2016 में हुए पठानकोट अटैक से की जा रही है. तब 2 जनवरी को सुबह करीब साढ़ें तीन बजे आतंकी हथियारों के साथ पठानकोट एयरबेस में दाखिल हो गए थे. साजिश के तहत वो आतंकी सेना की वर्दी में हमला करने के लिए आए थे. वहां पर फिदायीन हमला करने की तैयारी थी, लेकिन उनको घेर लिया गया तो उन्होंने जवानों पर ग्रेनेड फेंक दिए और ताबड़तोड़ फायरिंग का दौर शुरू हो गया. 

उस हमले में सात जवान शहीद हुए थे और 37 घायल बताए गए थे. जवाबी कार्रवाई में सभी आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया गया था. सुंजवां में हुए हमले की बात करें तो यहां भी फिदायीन हमले की तैयारी थी, यहां भी सेना के जवानों पर ग्रेनेड फेंके गए. ऐसे में कहा जा रहा है कि 6 साल बाद पाकिस्तान से आए ये दहशतगर्द एक बार फिर पठानकोट जैसा हमला करने की फिराक में थे. लेकिन वो अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाए और मौत के घाट उतार दिए गए.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement