जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है. जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में पैसों की गड़बड़ी के मामले में ये पूछताछ हो रही है. इससे पहले भी ईडी फारूक अब्दुल्ला से इस मामले में सवाल-जवाब कर चुकी है. ये पूछताछ श्रीनगर में ही हो रही है.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में कथित 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला काफी पुराना है. पहले ये जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी, जिसके बाद अदालत ने इसे सीबीआई के हवाले सौंपा था. बाद में इस पूरे केस में ईडी की एंट्री हुई थी, क्योंकि मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ा गया था.
हालांकि, उमर अब्दुल्ला का कहना है कि ईडी ने फारूक अब्दुल्ला के घर पर कोई रेड नहीं की है. उमर ने ट्वीट कर लिखा कि पार्टी की ओर से ईडी के समन का जवाब दिया जाएगा. ये सिर्फ गुपकार समझौते पर जो पार्टियां एकजुट हुई हैं उसका बदला लिया जा रहा है.
The party will be responding to this ED summons shortly. This is nothing less then political vendetta coming days after the formation of the People’s Alliance for Gupkar Declaration. To set the record straight no raids are being conducted at Dr Sahib’s residence.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 19, 2020
क्या हैं इस मामले में आरोप?
ससे पहले भी ईडी ने पिछले साल इस मामले में फारूक अब्दुल्ला से सवाल किए थे. सीबीआई की जांच में ये बात सामने आई थी कि BCCI ने 2002 से 2012 के बीच JKCA को राज्य में खेल का बढ़ावा देने के लिए 113 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन इस फंड को पूरी तरह खर्च नहीं किया गया.
आरोप है कि इसमें से 43.69 करोड़ रुपए से ज्यादा का गबन किया गया और इस पैसे को खिलाड़ियों पर भी खर्च नहीं किया गया. आपको बता दें कि सीबीआई ने अपनी जांच में फारूक अब्दुल्ला का नाम शामिल किया था, अब ईडी बैंक डॉक्यूमेंट्स के आधार पर उनसे सवाल कर रही है.
सीबीआई के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला के जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए पैसों का गबन हुआ था. यह 113 करोड़ रुपए का घोटाला है. इसमें फारूक अब्दुल्ला के साथ क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू कश्मीर बैंक का एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर आरोपी हैं. इन लोगों पर आपराधिक साजिश और विश्वासघात का आरोप है.
गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला जब से हाउस अरेस्ट से रिहा हुए हैं, तभी से सुर्खियों में हैं. बीते दिनों उनकी अगुवाई में ही जम्मू-कश्मीर में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई थी, जिसमें अनुच्छेद 370 के मसले पर रणनीति बनाए गई थी. विपक्षी पार्टियों ने गुपकार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और गठबंधन बनाया है, जो अनुच्छेद 370 की वापसी की मांग करेगा.