जम्मू कश्मीर में फिर से बारिश होने के मौसम विभाग के पूर्वानुमान से लोगों के बीच घबराहट है. मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को हल्की लेकिन गुरुवार को मूसलाधार बारिश हो सकती है. इस बीच पुंछ समेत जम्मू कश्मीर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना मेघराहत अभियान चला रही है. मंगलवार को बारिश नहीं होने के कारण बचाव कार्य तेजी में तेजी देखने को मिली थी. आपको बता दें कि बाढ़ से अब तक 18 लोगों की जान जा चुकी है.
कश्मीर में क्यों बार-बार आ रही है बाढ़?
पिछले 24 घंटों से कोई बारिश नहीं हुई है जिससे मंगलवार के दिन के वक्त घाटी में बाढ़ को लेकर लोग कम चिंतित नजर आए. झेलम नदी में जलस्तर घट रहा है. शहर में राम मुंशी बाग में भी जलस्तर डेढ़ फुट से अधिक कम हुआ है. हालांकि, मौसम विभाग ने बुधवार को हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान किया है जिससे लोगों में फिर से चिंता पैदा हो गई है.
दरअसल, लोग बाढ़ से पैदा हुए संकट को खत्म होने की उम्मीद कर रहे थे. बाढ़ के खतरे के मद्देनजर घाटी में स्कूल कॉलेज बंद हैं और परीक्षाएं टाल दी गई हैं.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को वहां हालात का जायजा लेने के लिए घाटी भेजा था. नकवी ने मंगलवार को उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंप दी और इस समस्या के स्थायी हल के कई उपाय किए जाने का सुझाव दिया.
आपको बता दें कि शनिवार और रविवार को भारी बारिश के कारण झेलम और उसकी सहायक नदियों में जल स्तर अचानक बढ़ गया और घाटी के लोगों में दशहत फैल गई. सात महीने पहले आई बाढ़ की उनकी यादें ताजा हो गई. राज्य सरकार की ओर से मुफ्त राशन, पानी और बुनियादी सुविधाओं के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुरक्षित निकाले गए लोग किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करें. इस बीच, केंद्र सरकार ने फौरी राहत के तौर पर कल 200 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है.
- इनपुट भाषा