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जम्‍मू-कश्‍मीर: मेजर पर FIR को लेकर आमने-सामने PDP और BJP

सोमवार को विधानसभा में महबूबा मुफ्ती ने कहा, रक्षा मंत्री से बात करने के बाद ही सेना के अफसर पर केस दर्ज किया गया है. साथ ही मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी रिपोर्ट 20 दिनों में आएगी.

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महबूबा मुफ्ती (फाइल)
महबूबा मुफ्ती (फाइल)

कश्‍मीर के शोपिया में सेना की फायरिंग से दो नागरिकों की मौत के मामले में सेना के मेजर पर हत्‍या का केस दर्ज किया गया है. इसको लेकर राज्‍य में गठबंधन सरकार चला रहे पीडीपी और बीजेपी आमने सामने हो गए हैं. जहां सीएम महबूबा मुफ्त‍ी मेजर पर एफआईआर के पक्ष में हैं तो वहीं बीजेपी ने एफआईआर में से मेजर का नाम हटाने की मांग की है.

सोमवार को विधानसभा में महबूबा मुफ्ती ने कहा, रक्षा मंत्री से बात करने के बाद ही सेना के अफसर पर केस दर्ज किया गया है. साथ ही मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी रिपोर्ट 20 दिनों में आएगी.

बता दें, शापिया में शनिवार को करीब 200 लोगों की भीड़ ने आर्मी के दस्‍ते पर हमला कर दिया. जवाबी कार्यवाही में सेना ने भी फायरिंग की जिसमें 2 युवाओं की मौत हो गई और एक युवक घायल हो गया. इस मामले में रविवार को पुलिस ने मेजर आदित्‍य और 10, गढ़वाल यूनिट के एक सैनिक पर हत्‍या और हत्‍या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया. सोमवार को विधानसभा में इसी मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ.

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विधानसभा में बीजेपी ने एफआईआर में से मेजर का नाम हटाने की मांग की. बीजेपी का कहना है कि इससे सेना का मनोबल गिरेगा. बीजेपी की इस मांग को सीएम महबूबा मुफ्ती ने खारिज कर दिया. उन्‍होंने कहा राज्‍य सरकार ने इसमें जांच के आदेश दे दिए हैं.

महबूबा बोलीं- सेना में भी काली भेड़

महबूबा ने कहा, ये एक दुर्भाग्‍यपूर्ण घटना है. आर्मी का मनोबल सिर्फ एक एफआईआर से नहीं गिरेगा. सेना में भी काली भेड़ मौजूद हैं. महबूबा ने कहा, आर्मी ने उस पुलिस एडवाइजरी को भी नहीं माना, जिसमें उस रूट से न जाने का जिक्र था.

महबूबा ने कहा, मैंने खुद सुरक्षाबलों से कह रखा है कि घाटी में कानून व्‍यवस्‍था को बहाल करने की दिशा में काम करना है. मैंने उन्‍हें निर्देश भी दिए हैं कि वे हवा में फायरिंग करें.

उमर अब्दुल्ला ने कहा- इस मामले पर राजनीति न हो

वहीं, विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सरकार को घेरा. उन्‍होंने कहा, 'अगर मेजर के खिलाफ एफआईआर है तो फिर मजिस्ट्रियल जांच की क्‍या जरूरत?' उमर ने कहा, सेना की ओर से गोलियां सीने पर चलाई गईं, इससे पता चलता है कि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास नहीं किए गए. मैं निवेदन करता हूं कि इस मामले पर पर राजनीति न करें.'

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