scorecardresearch
 

J-K में राज्यपाल शासन: वोहरा के बाद नए गवर्नर के रूप में इन नामों के हैं चर्चे

जून का यह महीना जम्मू-कश्मीर के लिए बेहद खास है, क्योंकि इसी महीने महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरी. इसके अगले दिन राज्य में राज्यपाल शासन लग गया. इसके बाद अब 28 जून का दिन बेहद अहम रहेगा क्योंकि राज्यपाल एनएन वोहरा रिटायर हो रहे हैं और इसी दिन अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है.

Advertisement
X
राज्यपाल एनएन वोहरा (फाइल फोटो)
राज्यपाल एनएन वोहरा (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने के बाद सूबे में राज्यपाल शासन लागू हो गया है, लेकिन एक सवाल चर्चा का विषय बन गया है कि बतौर राज्यपाल केंद्र की ओर से चलाए जाने वाले शासन की बागडोर अब किसके हाथों में होगी.

जून का यह महीना जम्मू-कश्मीर के लिए बेहद खास है, क्योंकि इसी महीने महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरी. इसके अगले दिन राज्य में राज्यपाल शासन लग गया. इसके बाद अब 28 जून का दिन बेहद अहम रहेगा क्योंकि राज्यपाल एनएन वोहरा रिटायर हो रहे हैं और इसी दिन अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है.

सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि एनएन वोहरा का कार्यकाल फिर से बढ़ाया जा सकता है, सरकार की ओर से इस संबंध अभी तक कोई कवायद शुरू नहीं की गई है. इस बीच बीवीआर सुब्रह्म्णयम को प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाया गया है. वोहरा की मदद के लिए दो सलाहकारों को भी नियुक्त किया गया है.

Advertisement

अब राज्यपाल की चलेगी

सूबे में चुनी हुई सरकार अब अस्तित्व में नहीं है, और केंद्र की ओर से प्रशासित राज्यपाल शासन में बागडोर राज्यपाल के हाथों में रहेगी. कश्मीर में हाल में बढ़ी घटनाओं और आतंकी हमलों का जवाब देने को आतुर केंद्र की राह अब आसान हो गई है क्योंकि राज्यपाल केंद्र द्वारा नियुक्त किया जाता है.

वर्तमान राज्यपाल एनएन वोहरा 28 को रिटायर हो जाएंगे, ऐसे से कयास लगाए जा रहे हैं कि वोहरा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ेगा या फिर इसके लिए नए चेहरे का ऐलान होगा.

वोहरा 2008 में पहली बार सूबे के राज्यपाल बनाए गए थे. 2013 में उनकी सेवा का विस्तार कर दिया गया. केंद्र के पास 2 विकल्प है कि वो 82 के हो चुके वोहरा का कार्यकाल फिर से बढ़ाएं या फिर उनकी जगह किसी और की नियुक्ति करे.

अगर केंद्र सरकार किसी नए चेहरे की नियुक्ति पर विचार करता है तो उसके पास 2 विकल्प होंगे. किसी ऐसे नौकरशाह को राज्यपाल के पद पर बिठाया जाए जो सूबे में लंबे समय से जुड़ा हो या फिर किसी सेवानिवृत्त सैन्य अफसर को यह कमान सौंपा जाए.

राज्यपाल के रूप में 3 बड़े चेहरे

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल सूबे में शांति और अमन चैन कायम रखने के लिए राज्यपाल के रूप में जो नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें जम्मू-कश्मीर मामले में केंद्र के वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा और पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग प्रमुख हैं.

Advertisement

दिनेश्वर शर्मा वोहरा की तरह एक नौकरशाह हैं, लेकिन वह खुफिया अफसर रहे हैं. 1976 में केरल कैडर के आईपीएस अफसर रहे दिनेश्वर 2016 में आईबी चीफ के रूप में रिटायर हुए. पिछले साल उन्हें केंद्र के वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया गया था.

एनएन वोहरा से पहले पूर्व सेना प्रमुख एसके सिन्हा सूबे के राज्यपाल रहे थे. वोहरा की जगह दलबीर सिंह सुहाग का नाम भी सुर्खियों में है, सुहाग भी सेना प्रमुख रहे हैं. पिछले महीने 29 मई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सुहाग से मिलने उनके घर भी गए थे.

मोदी सरकार के पास यह विकल्प भी है कि वो वोहरा के कार्यकाल को फिर से बढ़ा दे. हालांकि कहा जा रहा है कि वोहरा आगे सेवा देने के प्रति इच्छुक नहीं हैं. सूबे के कई राजनीतिक दल उनके काम की तारीफ कर चुके हैं.

उनके रिटायर (28 जून) होने के दिन ही अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है, वह श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. हो सकता है कि यह यात्रा खत्म होने तक उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए. अमरनाथ यात्रा 26 अगस्त को खत्म होगी. अमरनाथ यात्रा को लेकर वोहरा ने काफी काम किया है और उन्हीं वजह से यात्रा सुगम हुई.

Advertisement

Advertisement
Advertisement