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बर्फ पिघलने का इंतजार कर रहे आतंकी, बॉर्डर के 3 किमी दायरे में बनाए कैंप

सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीमा पार से घुसपैठ के लिए लॉन्च‍िंग पैड पर आतंकियों का दस्ता तैयार है.

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सीमा पर गश्त करते भारतीय सेना के जवान
सीमा पर गश्त करते भारतीय सेना के जवान

देश में घुसपैठ की खुफिया रिपोर्ट के बीच गुरुवार को गृह मंत्रालय में हाई लेवल मीटिंग हुई. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर गहन चर्चा हुई. आतंकियों की घुसपैठ और अलगाववादियों के प्रदर्शन से निपटने के लिए सीमा और चौकसी बढ़ाने और सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं.

इस सुरक्षा बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजित डोवाल, आईबी और रॉ के प्रमुख के अलावा, आर्मी चीफ और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल भी शामिल थे.

अलगाववादियों को सीमा पार से मिले हैं निर्देश
सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीमा पार से घुसपैठ के लिए लॉन्च‍िंग पैड पर आतंकियों का दस्ता तैयार है. दहशतगर्द बर्फ पिघलने का इंतजार कर रहे हैं. यही नहीं, अलगाववादी नेताओं को सीमापार से निर्देश दिए गए हैं कि वह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के ख‍िलाफ ज्यादा से ज्यादा प्रदर्शन करें.

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खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर सीमा से जुड़े अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से महज तीन किलोमीटर दूर फिदायीन आतंकियों ने अपना गढ़ बनाया है. एजेंसियों की मानें तो भारत के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि सीमा के इतने करीब आकर आतंकी भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. बताया जाता है कि कैंप में आतंकियों को आईएसआई की तरफ से दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं.

सीमा इलाके में 10 कैंपों की पहचान
रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा इलाके में बनें ऐसे 10 कैंपों की पहचान की गई है, जहां पर प्रशिक्षित आतंकी पनाह लिए हुए हैं. जम्मू-सीमा से पाकिस्तान के सटे इलाकों में बड़ा भाई मसूर, अभियाल डोगरा, चापरार, सुखमल और चरक भुरा शुमार हैं. खबर है कि इन्हीं इलाकों में आतंकियों ने कैंप बना रखे हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि आतंकियों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ट्रेनिंग के बाद यहां लाया गया और उन्हें किसी बड़े हमले से पहले स्टैंड बाई पर रखा गया है.

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