जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पुलवामा दौरे की अनुमति नहीं दी गई है. मुफ्ती श्रीनगर के लावेपोरा में पिछले महीने एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों की परिजनों से मिलने की तैयारी में थीं.
पुलिस का कहना है कि जेड प्लस और एसएसजी सुरक्षा वाले शख्स को इस तरह से आकस्मिक तरीके से कहीं जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, वो भी तब जब दौरा किसी अतिसंवेदनशील इलाके का हो. लेथपोरा हमले की बरसी नजदीक है. ऐसे में एहतियात के तौर पर मुफ्ती को वहां जाने से रोका जा रहा है.
लावेपोरा इलाके में जाने से रोके जाने पर महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह अधिकारियों से उन्हें रोके जाने का कारण पूछ रही हैं. वह अधिकारियों से कह रही है कि, ''जब भी मुझे कहीं जाना होता है तो इस तरह से मुझे रोक दिया जाता है. आपके पास ऑर्डर के कागजात है. मुझे वो दिखाइए''
उन्होंने ट्वीट कर हाउस अरेस्ट का भी आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है, पहले की तरह मुझे फिर से हाउस एरेस्ट कर दिया गया है. मैं कथित तौर पर फेक एनकाउंटर में मारे गए अतहर मुश्ताक के परिजनों से मिलने जाने की कोशिश कर रही थी. उसके पिता पर यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है. वह शख्स अपने बेटे का शव मांग रहा था. भारत आने वाले यूरोपियन यूनियन के डेलीगेशन को भारत सरकार यही नॉर्मलसी दिखाना चाहती है?
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, कश्मीर में दमन और आतंक का यह शासन अकल्पनीय है जिसे भारत सरकार देश के बाकी हिस्सों से छिपाना चाहती है. एक 16 साल का लड़का मारा जाता है और फिर जल्दी से उसे दफना दिया जाता है. उसके परिवार को उसके अंतिम संस्कार का मौका भी नहीं दिया जाता है.