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ऐतिहासिक क्षण! कश्मीर में लॉजिस्टिक के नए युग की शुरुआत, घाटी में पहली बार पहुंची मालगाड़ी

पंजाब के रूपनगर से पहली बार एक मालगाड़ी 1400 टन सीमेंट लेकर सफलतापूर्वक अनंतनाग गुड्स शेड पहुंची. इस 600 किलोमीटर की यात्रा को 18 घंटे से भी कम समय में पूरा किया गया.

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शनिवार को पहली मालगाड़ी कश्मीर घाटी पहुंची (Photo: Screengrab)
शनिवार को पहली मालगाड़ी कश्मीर घाटी पहुंची (Photo: Screengrab)

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए एक ऐतिहासिक विकास में, पंजाब के रूपनगर से पहली बार शनिवार को एक मालगाड़ी सफलतापूर्वक कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड तक पहुंची. यह कश्मीर क्षेत्र को राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

सीमेंट से लदी मालगाड़ी के आगमन से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी आएगी और कश्मीर के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा. उद्घाटन मालगाड़ी में सीमेंट के 21 बीसीएन वैगन लदे थे.

इस ट्रेन में परिवहन किए जाने वाले सीमेंट का उपयोग कश्मीर घाटी में सड़कों, पुलों, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और आवासीय भवनों के निर्माण सहित महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए किया जाएगा.

कश्मीर में नए आर्थिक विकास की शुरुआत

लगभग 600 किलोमीटर की यह यात्रा शनिवार को 18 घंटे से भी कम समय में नवनिर्मित अनंतनाग गुड्स शेड पर पूरी हुई. यह आयोजन कश्मीर क्षेत्र में लॉजिस्टिक और आर्थिक विकास के एक नए युग का समर्थन करने के लिए इसकी तत्परता को दर्शाता है.

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इस अभूतपूर्व यात्रा के लिए लॉजिस्टिक व्यवस्था को सटीकता के साथ क्रियान्वित किया गया. 7 अगस्त, 2025 को 23:14 बजे उत्तर रेलवे को एक इंडेट भेजा गया, जिसके बाद अगले दिन यानी 8 अगस्त को सुबह 9:40 बजे रेक की व्यवस्था की गई.

8 अगस्त, 2025 को शाम 6:10 बजे लदान पूरा हो गया और ट्रेन शाम 6:55 बजे पंजाब के रूपनगर स्थित गुजरात अंबुजा सीमेंट लिमिटेड (GACL) सुविधा से रवाना हुई. मालगाड़ी को इलेक्ट्रिक WAG-9 लोकोमोटिव (लोको संख्या 32177, TKD, ट्रिप 08/09) द्वारा ले जाया गया, जो राष्ट्रीय रेल नेटवर्क की आधुनिक क्षमताओं को दर्शाता है.

पहुंचा 1400 टन सीमेंट

एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अनंतनाग पहुंचे मालगाड़ी के इस पहले rake में लगभग 1400 टन सीमेंट कश्मीर पहुंचा है. इससे कि 15 इंच चौड़ी और 5 फिट ऊंची लगभग 42 किलोमीटर की बाउंड्री वाल बनायी जा सकती है.

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इस पहली मालगाड़ी का आगमन न केवल एक लॉजिस्टिकल उपलब्धि है, बल्कि प्रगति और एकीकरण का एक सशक्त प्रतीक है, जो एक अधिक संबद्ध और समृद्ध कश्मीर घाटी का मार्ग प्रशस्त करता है.

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