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J-K: बडगाम में सेना और नागरिकों के बीच झड़प, 63 जवान हुए घायल, 1 आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर के बडगाम में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच जारी मुठभेड़ में दो स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई. बडगाम के चदूरा में जारी मुठभेड़ के चलते सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी.

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बडगाम एनकाउंटर के दौरान पत्थरबाजी
बडगाम एनकाउंटर के दौरान पत्थरबाजी

जम्मू कश्मीर के बडगाम में आतंकवादियों को बचाने के लिए गांव वालों ने सुरक्षा बलों पर जमकर पत्थर बरसाए. जवाबी कार्रवाई में तीन पत्थरबाजों की मौत हो गई, जबकि सेना और पुलिस के 63 जवान भी जख्मी हो गए. इस एनकाउंटर में एक आतंकी भी ढेर हुआ. सोमवार सुबह छदूरा इलाके के एक घर में 2 आतंकियों के छिपे होने की खबर के बाद तड़के सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी की और मुठभेड़ शरू हुई. आखिरकार सुरक्षाबलों ने उस घर के एक हिस्से को बारूद से उड़ा दिया, जहां आतंकी छिपे थे.

गौरतलब है कि घाटी में पिछले वर्ष से ही मुठभेड़ स्थलों के पास नागरिकों के इकट्ठा होने और सुरक्षा बलों के साथ झड़प का रूझान देखने को मिला है. आतंकवाद-निरोधी अभियानों के दौरान युवाओं के हस्तक्षेप के खिलाफ सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की चेतावनी के बाद भी यह जारी है और मुठभेड़ स्थल के तीन किलोमीटर की परिधि में राज्य प्रशासन द्वारा धारा 144 लगा रहा है.

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महबूबा मुफ्ती के काफिले पर पत्थरबाजी
इस दौरान उप चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के काफिले पर अचबाल अनंतनाग में पत्थरबाजी की गई. पत्थरबाजी के मामले पर मुफ्ती की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने युवाओं के आतंक से जुड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की कड़ी आलोचना की. हालांकि पुलिस ने कहा कि मुख्यमंत्री के काफिले पर पत्थरबाजी नहीं हुई.

एनकाउंटर पर क्या बोलीं CM महबूबा?
बडगाम एनकाउंटर पर सीएम महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य के युवाओं का आतंक के साथ जुड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आतंकियों को सुरक्षाबलों ने सरेंडर करने को कहा लेकिन उन्होंने नहीं किया. बडगाम में सुरक्षा बलों ने आतंकियों की ओर से इस्तेमाल की गई कार को जब्त कर लिया है.

अलवागवादियों ने बंद बुलाया
अलगाववादियों ने बडगाम जिले में मुठभेड़ स्थल के निकट प्रदर्शन के दौरान तीन नागरिकों की मौत के खिलाफ बुधवार को आम हड़ताल का आह्वान किया है और घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है. हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक और जेकेएलएफ अध्यक्ष मोहम्मद यासिन मलिक ने कहा, घटना के खिलाफ पूर्ण हड़ताल होनी चाहिए और शुक्रवार की नमाज के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा.

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कांग्रेस और माकपा ने इस दौरान आम लोगों की मौत की निंदा की और सुरक्षा बलों से प्रदर्शनकारियों से निपटते समय संयम बरतने का आग्रह किया. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के प्रवक्ता फारूक अंद्राबी ने एक बयान में कहा- हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निंदा करते हैं और बलों से आग्रह करते हैं कि वे प्रदर्शनकारियों से निपटते समय संयम बरतें. अंद्राबी ने कहा कि आम लोगों की मौत से निश्चित तौर पर घाटी का माहौल खराब होगा. सुरक्षा बलों को केवल गोलियों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए अन्य सामान्य तरीके अपनाने चाहिए. उन्होंने लोगों से शांत और मुठभेड़ स्थलों से दूर रहने की सलाह दी.

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