दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले का एक जोड़ा आज अशमुकाम इलाके में अपनी बिजनेस यूनिट का मालिक है. ये जोड़ा ‘हाजिक जॉइनरी मिल’ नाम से बढ़ईखाना चला रहा है. ये केंद्र सरकार की योजना के तहत मिली मदद की वजह से मुमकिन हो सका है.
36 साल के मंजूर अहमद बट और उनकी 32 साल की पत्नी रूबी जान ने कभी सोचा भी नहीं था कि वो आजीविका के अपने छोटे से जरिए को व्यवस्थित बिजनेस यूनिट में तब्दील कर सकेंगे, साथ ही पूरी तरह आत्मनिर्भर होने के सपने को पूरा कर सकेंगे.
मंजूर अहमद बट और रूबी जान ने 2015 में केंद्र की ओर से प्रायोजित उम्मीद कार्यक्रम के तहत अपने गांव नामबल में यूनिट स्थापित की थी. तब ये जम्मू कश्मीर स्टेट रूरल लाइवलिहुड्स मिशन (JKSLRM) की वजह से संभव हो सका था. बाद में इस जोड़े ने अपनी यूनिट को अनंतनाग जिले के अशमुकाम में शिफ्ट कर दिया.
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दूसरों को रोजगार देने में सक्षम है यह दंपति
यह जोड़ा आज दूसरों को रोजगार मुहैया कराने की स्थिति में है. चार अन्य लोग इस यूनिट में काम करके अपने-अपने परिवारों को सहारा दे रहे हैं.
रूबी जान ने आजतक से बातचीत में कहा, “मुझे नेशनल रूरल लाइविहुड मिशन (NRLM) के तहत उम्मीद योजना का पता चला और उन्होंने मुझे 15,000 रुपए का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया. इससे मैंने एक छोटा सा कारखाना खोला जो धीरे धीऱे विकास करता चला गया.”
रूबी जान ने आगे कहा, “आज हम 20,000 रुपए से 25,000 रुपए हर महीना कमा लेते हैं और हमारा पूरा परिवार खुश है. मेरे पति भी इस कारोबार में साथ देने के लिए जुड़ गए.”
केंद्र की इस योजना से हुआ बड़ा फायदा!
रूबी जान के पति मंजूर अहमद बट कहते हैं, “बेरोजगारी की दर यहां ऊंची है लेकिन योजना के शुरू होने के बाद कई युवाओं को कमाई के मौके मिले. हमें इस योजना से फायदा हुआ है.”
मंजूर अहमद बट ने घाटी के बेरोजगार शिक्षित युवाओं से केंद्र सरकार और यूटी शासन की ओर से शुरू की गई योजनाओं का लाभ उठाने के लए आगे आने की अपील की. बट ने कहा कि वे केंद्र की योजना के शुक्रगुजार हैं जिसने उन्हें परिवार का गुजारा चलाने का जरिया दिया.
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