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जल्द ही हाईटेक होगी बीएसएफ, पाकिस्तानी बॉर्डर पर लगेंगी आधुनिक मशीनें

बीएसएफ बॉर्डर टेक्नोलॉजी के लिए इस्राइल की भी मदद ले रही है और इस प्रोजेक्ट में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स भी काम कर रहे हैं. आपको बता दें कि पाकिस्तान की ओर से लगातार बॉर्डर टनल बनाकर आतंकवादी सीमा क्रॉस करते रहते हैं.

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बीएसएफ
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जल्द ही हाईटेक होने वाली है हमारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स. आधुनिक टेक्नॉलजी से रूकेगी आतंकी घुसपैठ साथ ही साथ सीमाओं पर कम होगी जवानों की तैनाती. दरअसल, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने फैसला किया है कि पाकिस्तान के साथ लगने वाली इंटरनेशनल बॉर्डर पर अतिरिक्त बीएसएफ के जवानों की तैनाती की जगह सीमा पर आधुनिकतम लेज़र बेस टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जाएगी. बीएसएफ अभी पांच-पांच किलोमीटर के दो पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जैसे ही दोनों पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलती है तो जम्मू और पंजाब में वैसे ही लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के गैजेट्स लगाए जाएंगे.

बीसएफ के चीफ, के के शर्मा का कहना है भाविश में हम जम्मू बॉर्डर पर घुसपैठ रोकने के लिए विश्व की सबसे बेहतरीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले हैं और एडिशनल जवानों के तैनाती पर कम जोर रहेगा. बीएसएफ मुखिया का कहना है कि इस साल के अंत तक पायलट प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे. बीएसएफ सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार ने जम्मू बॉर्डर को पूरी तरह से सील करने के लिए टेक्नोलॉजी पर करीब 800 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं.

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सूत्रों का कहना है कि बीएसएफ बॉर्डर टेक्नोलॉजी के लिए इस्राइल की भी मदद ले रही है और इस प्रोजेक्ट में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स भी काम कर रहे हैं. आपको बता दें कि पाकिस्तान की ओर से लगातार बॉर्डर टनल बनाकर आतंकवादी सीमा क्रॉस करते रहते हैं. आतंकवादियों ने साम्बा में चिलायारी और चमलियाल इलाकों और रणबीर सिंह पूरा के अल्लाह माईन दी कोठी से बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश की है.

पिछले साल 30 नवम्बर को बीएसएफ के जवानों ने चमिलियल के पास टनल क्रॉस करते हुए तीन आतंकवादियों को मार गिराया था और उनसे भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया था.

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