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थम नहीं रहा हिमाचल कांग्रेस का विवाद, सोनिया ने वीरभद्र को नहीं दिया मिलने का वक्त

सूत्रों के मुताबिक, अहमद ने वीरभद्र को समझाया और खत मीडिया में लीक होने को लेकर नाखुशी भी जता दी. साथ ही ये तय हुआ कि वो सुक्खू, शिंदे समेत सभी पक्षों से बात करके मसले का हल निकाल लेंगे लेकिन मामला पूरी तरह सुलझा नहीं.

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सोनिया गांधी और वीरभद्र सिंह
सोनिया गांधी और वीरभद्र सिंह

हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का झगड़ा सुलझने का नाम नहीं ले रहा. सुक्खू की कार्यशैली से नाराज वीरभद्र हाल में सोनिया, राहुल और अहमद पटेल को खत लिखकर कह चुके हैं कि वो ना ही चुनाव लड़ेंगे और ना ही पार्टी को लड़ाएंगे. जिसके बाद ये बात आलाकमान को भी नागवार गुजरी.

खत लिखने के बाद वीरभद्र सिंह मंगलवार दोपहर दिल्ली पहुंच गए. हालांकि, वीरभद्र सिंह अपनी पत्नी के साथ आय से ज्यादा संपत्ति के केस में बुधवार को पटियाला कोर्ट में पेशी के लिए आए थे. लेकिन उनको उम्मीद थी कि इसी बीच में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर लेंगे.

वीरभद्र दिल्ली आए तो राहुल नार्वे में थे. अहमद पटेल गुजरात में और हिमाचल के प्रभारी शिंदे सोलापुर में. ऐसे में मंगलवार को तो सोनिया से मुलाकात संभव नहीं थी. लेकिन हालात के मद्देनजर सोनिया के निर्देश पर आनन-फानन में अहमद पटेल मंगलवार देर रात दिल्ली वापस आए. फिर बुधवार की सुबह कोर्ट में पेशी के बाद मीडिया से मुखातिब हुए वीरभद्र ने आलाकमान को लिखे खत के सवाल पर ये कहकर मुहर लगा दी कि ये मेरे और आलाकमान के बीच का मामला है. इस दौरान वीरभद्र के तीखे तेवर साफ दिखे.

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इसके बाद वीरभद्र ने सोनिया के राजनैतिक सलाहकार से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, अहमद ने वीरभद्र को समझाया और खत मीडिया में लीक होने को लेकर नाखुशी भी जता दी. साथ ही ये तय हुआ कि वो सुक्खू, शिंदे समेत सभी पक्षों से बात करके मसले का हल निकाल लेंगे लेकिन मामला पूरी तरह सुलझा नहीं. इसके उलट वीरभद्र आंख दिखा चुके थे इसलिए सोनिया से मिलने का उनको दो दिन से अब तक वक्त नहीं मिला. दरअसल, आलाकमान भी चाहता है कि वीरभद्र अपनी हेकड़ी छोड़कर बात करें.

 

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