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हिमाचलः बर्ड फ्लू से हुई पौंग झील में 1700 पक्षियों की मौत, लैब में पुष्टि के बाद पर्यटकों की एंट्री बंद

हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. इस बीमारी की वजह से कांगडा के पौंग झील में 1700 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई है. इन पक्षियों में H5N1 वायरस मिला है जो कि बर्ड फ्लू होने की पुष्टि करता है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-पीटीआई)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांगडा में 1700 प्रवासी पक्षियों की मौत
  • पक्षियों में मिला H5N1 वायरस
  • एक किलोमीटर के दायरे में जाने पर रोक

हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के खतरे से लोग धीरे-धीरे निपट ही रहे थे कि राज्य में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. इस बीमारी की वजह से कांगड़ा के पौंग झील में 1700 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई है. इन पक्षियों में H5N1 वायरस मिला है जो कि बर्ड फ्लू होने की पुष्टि करता है. 

स्थानीय प्रशान ने पौंग डैम में मृत पाए गए पक्षियों के सैंपल को भोपाल भेजा था. यहां से इन पक्षियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वन विभाग का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन ने ये कदम उठाया था. भोपाल से आई रिपोर्ट में सभी पक्षियों में H5N1 एवियन इनफ्लुंजा के वायरस मिले हैं. 

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 300 किलोमीटर दूर कांगड़ा के पौंग जलाशय में इन प्रवासी पक्षियों की सेंक्चुरी बनाई गई है. यहां हर साल साइबेरिया और मध्य एशिया के ठंडे इलाकों से सर्दियों में लाखों की संख्या में परिंदे आते हैं और फरवरी-मार्च तक रहते हैं. इसके बाद ये पक्षी फिर से वापस लौट जाते हैं. 

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इस साल अबतक मात्र कुछ ही दिनों में 1700 पक्षियों की मौत हो चुकी है. इसके बाद जिला प्रशासन ने इस जलाशय के आसपास चिकन, अंडे समेत पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है. पौंग झील के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को अलर्ट जोन घोषित किया गया है. प्रशासन ने पर्यटकों को भी इन क्षेत्रों में न जाने को कहा है.
 

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