चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसके अलावा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और 13 राज्यों की 26 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों की भी घोषणा कर दी गई है. ऐसे में पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां की चार लोकसभा सीटों पर सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा. इसी दिन राज्य की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होगा. ये वही सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस ने अपने 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया है. इन पर होने वाले उपचुनावों के नतीजे भी 4 जून को घोषित हो जाएंगे.
दरअसल, हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में सुक्खू सरकार के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी, जिसके कारण बहुमत वाली पार्टी के उम्मीदवार की हार हो गई और बीजेपी उम्मीदवार ने चुनाव जीत लिया. इसके बाद कांग्रेस ने इन सभी बागी विधायकों को बजट सत्र में शामिल न होने पर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर अयोग्य करार दे दिया था. इसके चलते 6 विधानसभा सीटें खाली हो गई थीं. इनमें धर्मशाला, सुजानपुर, लाहौल और स्पीति, बड़सर, गगरेट और कुटलेहड़ विधानसभा सीटें शामिल हैं.
हिमाचल प्रदेश के चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक अधिसूचना 7 मई को जारी होगी और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 मई है. नामांकन की जांच के लिए 15 मई की तारीख तय की गई है, जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 16 मई है. राज्य में 7,990 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से 425 को महत्वपूर्ण माना जाता है. राज्य में देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है, जो लाहौल और स्पीति के ताशीगांग में 15,256 फीट पर स्थित है.
इन विधायकों को किया गया था बर्खास्त
बता दें कि कांग्रेस ने जिन छह विधायकों को बर्खास्त किया था उनमें सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो शामिल हैं. इन विधायकों पर कार्रवाई के बाद 6 विधानसभा सीटें रिक्त हो गई हैं और नियम के मुताबिक 6 महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य है. बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा स्पीकर के बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की हुई है. हालांकि इस पर फैसला आने से पहले ही चुनाव आयोग ने इनकी सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है.
सुक्खू के खिलाफ केस दायर करेंगे बर्खास्त विधायक
पीटीआई के मुताबिक अयोग्य ठहराए गए छह कांग्रेस विधायकों ने शनिवार को कहा कि वे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करेंगे. एक संयुक्त बयान में, छह अयोग्य कांग्रेस विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने कहा कि उन्होंने सुक्खू के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए उत्तरदायी होंगे.
अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, सुधीर शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो और निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा ने कहा कि वे जनता को बताएंगे कि पिछले 14 महीनों के दौरान उन्हें कैसे अपमानित किया गया और विकास किया गया. उनके निर्वाचन क्षेत्रों में काम बंद हो गए. उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू घबरा गए हैं क्योंकि सत्ता उनके हाथ से फिसलती जा रही है और उन्हें डर है कि अगर सत्ता चली गई तो उनके 'कर्म' उजागर हो जाएंगे.