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इन वजहों से हिमाचल के चुनावी मैदान से किनारा कर सकती है AAP

हाल ही में आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी (PAC) की बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई. PAC पार्टी की फैसला लेने वाली सबसे बड़ी इकाई है. बैठक में हिमाचल प्रदेश में चुनाव लड़ने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.

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हिमाचल में चुनावी मैदान से दूर रह सकती है आम आदमी पार्टी
हिमाचल में चुनावी मैदान से दूर रह सकती है आम आदमी पार्टी

पंजाब और गोवा में किस्मत आजमाने के बाद अब आम आदमी पार्टी बाकी राज्यों में विस्तार की तैयारी कर रही है. पार्टी के नेता बीजेपी के गढ़ गुजरात में पकड़ मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. लेकिन गुजरात के साथ हिमाचल प्रदेश में इसी साल होने वाले चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी असमंजस में है.

कठिन भौगोलिक परिस्थितियां बड़ी बाधा

हाल ही में आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी (PAC) की बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई. PAC पार्टी की फैसला लेने वाली सबसे बड़ी इकाई है. बैठक में हिमाचल प्रदेश में चुनाव लड़ने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. सूत्रों की मानें तो हिमाचल प्रदेश की कम आबादी और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केजरीवाल की पार्टी यहां चुनावी ताल ठोकने से परहेज कर सकती है.

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मजबूत नहीं संगठन

पार्टी नेताओं का ये भी मानना है कि हिमाचल में चुनाव लड़ने लायक संगठन अभी AAP के पास नहीं है. गुजरात की सियासी अहमियत को देखते हुए पार्टी फिलहाल पूरा जोर इसी राज्य पर लगाना चाहती है. ऐसे में कम सीटों वाले हिमाचल के चुनाव में उतरने से पार्टी बच सकती है. हालांकि इस बारे में औपचारिक घोषणा मार्च में होने की उम्मीद है. आम आदमी पार्टी का हिमाचल में चुनाव से किनारा कांग्रेस के लिए राहत भरी खबर हो सकती है.

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