अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ा रुख अख्तियार किया है. एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद में बसे कांत एन्क्लेव के कंस्ट्रक्शन को गिराने का आदेश दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ये कंस्ट्रक्शन पूरी तरह से जंगल की जमीन पर बना हुआ है. इसलिए ये पूरी तरह से अवैध है. SC का आदेश है कि ये जमीन वापस फोरेस्ट को दे जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अरवली हिल के आस पास पर्यावरण को नुकसान हुआ है.
SC ने निर्देश दिया है कि मामले को दो भागों में बांट जाए, पहले कैटेगरी में वो लोग जिन्होंने निवेश किया है उन्हें पूरा का पूरा पैसा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस दिया जाए. ये पैसा कंस्ट्रक्शन कंपनी आर कांत एंड कंपनी को देना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां तक कांत एन्क्लेव में निर्माण को छूट देने का सवाल है, तो 18 अगस्त 1992 के नोटिफिकेशन के बाद का निर्माण पूरी तरह से अवैध है. सुप्रीम कोर्ट ने CEC की मांग को स्वीकार किया जिसमें कहा गया कि 17 अप्रैल 1984 से 18 अगस्त 1992 तक के निर्माण को न छेड़ा जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा कि 18 अगस्त 1992 के बाद के के निर्माण को धवस्त करे क्योंकि वो अवैध निर्माण है. अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई को 31 दिसंबर तक पूरा किया जाए. कोर्ट ने ये भी कहा कि कंपनी के अनुसार एन्क्लेव डेवलेप करने में 50 करोड़ का खर्च हुआ है इसलिए नुकसान की भरपाई के लिए 5 करोड़ जमा किए जाएं.
Supreme Court orders demolition of illegal constructions in Kanth Enclave area in Faridabad, as it is a forest land.
— ANI (@ANI) September 11, 2018
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि यहां पर बने सभी निर्माणों को गिरा दिया जाए. गौरतलब है कि कांत एन्क्लेव देश की राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद (NCR इलाका) में बनी है.