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सतलोक आश्रम और प्रशासन में समझौता, खाली करने को तैयार हुए समर्थक

सतलोक आश्रम पर कब्जे को लेकर चल रहे विवाद में आश्रम के लोगों और प्रशासन के बीच समझौता हो गया है. समर्थक आश्रम खाली करने को तैयार हुए हो गए हैं.

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सतलोक आश्रम पर कब्जे को लेकर चल रहे विवाद में आश्रम के लोगों और प्रशासन के बीच समझौता हो गया है. समर्थक आश्रम खाली करने को तैयार हुए हो गए हैं.

हरियाणा के रोहतक में आश्रम को लेकर आज तीसरे दिन सुबह से ही तनाव की स्थिति बनी हुई थी. मंगलवार सुबह एक बार फिर गांववालों ने उग्र प्रदर्शन किया. भीड़ ने तीन बसों में तोड़फोड़ की थी.

इस बीच रोहतक प्रशासन ने सतलोक आश्रम हटाने का फैसला कर लिया था. इसके लिए आश्रम के पास JCB मशीन मंगाई गई. पुलिस ने लोगों को आश्रम खाली करने का निर्देश दिया. हालांकि लोग आश्रम खाली करने को तैयार नहीं थे, जिस वजह से आश्रम समर्थकों और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई थी. इससे पहले प्रशासन ने करौंथा गांव में धारा 144 लागू कर दिया था.

गौरतलब है कि सात गांवों के लोगों ने करौंथा गांव के आश्रम को खाली करवाने का अल्टीमेटम दिया था. ये अल्टीमेटम मंगलवार सुबह 11 बजे खत्म हो चुका है.

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गांव के लोगों ने धमकी दी थी कि अगर आज 11 बजे तक प्रशासन की तरफ से ये आश्रम नहीं हटाया गया तो वे आश्रम को तोड़ देंगे. तनाव को देखते हुए स्थानीय पुलिस बल के साथ CRPF और RAF के जवान अलर्ट पर हैं.

योग गुरू रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण भी आश्रम विवाद को लेकर बीच बचाव में उतर आये हैं. रामदेव रोहतक पहुंच चुके हैं. हालांकि खबर ये है कि वो भी सतलोक आश्रम को हटाने के पक्ष में हैं. रामदेव ने कहा है कि जिन गांववालों पर केस दर्ज हुए हैं उन्हें भी वापस लिया जाये. रामदेव करोथा गांव जाकर मृतकों के घरवालों से मिलेंगे और अस्पताल जाकर घायलों से भी मुलाकात करेंगे.

उधर सतलोक आश्रम के संचालक बाबा रामपाल और कुछ दूसरे लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. इनके खिलाफ 302, 120बी और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है. रविवार को हिंसा में मारी गई महिला के भाई ने ये केस दर्ज कराया है वहीं आश्रम के संचालक बाबा रामपाल के भाई ने आरोप लगाया है कि आश्रम पर हमला राज्य सरकार के कहने से हो रहा है. महेंद्र दास ने आरोप लगाया कि सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद आर्य समाजी है, इसलिए वो ये सब करवा रहे हैं.

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आश्रम को हटाने को लेकर हुई खूनी झड़प में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और कुछ पुलिसकर्मियों समेत सौ से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. गांववालों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं माग ली जातीं तब तक वे मृतकों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. सोमवार को भी यहां जबरदस्त हिंसा हुई थी और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की 2 मोटरसाइकिलों में आग लगाने के साथ कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी.

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