स्वयंभू संत रामपाल
को गिरफ्तार करने उनके आश्रम पहुंचे भारी पुलिस बल ने ऑपरेशन रात तक के
लिए रोक दिया है. आश्रम के इर्द-गिर्द पुलिस का
घेरा हटाया जा रहा है. एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियां भी वापस भेजी जा रही
हैं.
मंगलवार को हरियाणा के गृह सचिव और डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ऑपरेशन कब तक चलेगा, यह कहा नहीं जा सकता. डीजीपी ने दावा किया कि बाबा रामपाल के आश्रम में पेट्रोल बम और काफी हथियार हैं और सेना के रिटायर्ड अधिकारी भी आश्रम के अंदर हैं. लिहाजा समर्थक प्रशिक्षित कमांडोज की तरह हमले कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि संत रामपाल भी आश्रम के अंदर ही हैं. डीजीपी ने बताया कि समर्थकों के उत्पात में 105 पुलिसकर्मी घायल हो गए. इनमें से 9 को गोली लगी है. वहीं 50 समर्थकों ने आत्मदाह की कोशिश की. वहीं पत्रकारों से मारपीट के मसले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हरियाणा के डीजीपी को नोटिस भेज दिया है.
संत रामपाल: जूनियर इंजीनियर से बाबा बनने तक की कहानी
दरअसल मंगलवार को पुलिस ने घटना की कवरेज करने जुटे मीडियाकर्मियों पर भी हमला कर दिया. इसमें कई मीडियाकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने 'आज तक' के रिपोर्टर की पिटाई कर दी और उनका मोबाइल व कैमरा तोड़ दिया. हरियाणा सरकार में मंत्री और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रामविलास शर्मा ने मीडिया पर हुए हमले के लिए खेद जताया. उन्होंने कहा कि 21 नवंबर तक मामले का समाधान हो जाएगा. उन्होंने बाबा रामपाल और उनके समर्थकों से कानून का साथ देने और हिंसा छोड़ने की अपील की.
हरियाणा पुलिस के एडीजीपी मोहम्मद अकील ने 'आज तक' से बातचीत में रिपोर्टर की पिटाई मामले की जांच का भरोसा दिया है. डीजीपी एस एन वशिष्ट ने कहा कि रामपाल आश्रम के भीतर ही हैं और उन्हें हर हाल में गिरफ्तार किया जाएगा. आश्रम में संतराम के समर्थकों के पास पेट्रोल बम और हथियार होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
(फोटो: आज तक के रिपोर्टर नितिन जैन की पिटाई करता पुलिसवाला)
इस बीच, संत रामपाल के समर्थकों ने आज
दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट का घेराव करने का ऐलान किया है. रामपाल के करीब
1000 समर्थक दिल्ली के मशहूर जंतर-मंतर पर जुटे हैं. दिल्ली-हरियाणा रोड को सील कर दिया गया है.
उधर, हाईकोर्ट में आज रामपाल की जमानत कैंसिल किए जाने को लेकर भी सुनवाई हुई. अदालत ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. रोहतक दंगा मामले में पहले
हाईकोर्ट ने रामपाल को जमानत दी थी.
(फोटो: संत रामपाल के सतलोक आश्रम का नजारा)
इस बीच, रामपाल के आश्रम से चुपचाप निकल जाने की खबर है. बताया जा रहा है कि रामपाल के समर्थक उन्हें इलाज के बहाने किसी अज्ञात स्थान पर ले गए हैं. आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने अस्पताल या शहर के नाम का खुलासा करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, 'हमें उनका उपचार करने में दिक्कत हो रही थी, क्योंकि प्रशासन ने आश्रम में दवाओं समेत सभी प्रकार के सामान की आपूर्ति पर रोक लगा रखी थी. हमारे पास उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर अस्पताल में ले जाने के अलावा और कोई चारा नहीं था.'
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रामपाल के खिलाफ फिर से गैर जमानती वारंट जारी किया है और हरियाणा सरकार को शुक्रवार तक का वक्त दिया है. कोर्ट के नए आदेश के बाद संत रामपाल के आश्रम के आस-पास तनाव और बढ़ गया है.
एक ओर संत रामपाल के समर्थक डेरा डाले बैठे हैं तो दूसरी ओर पुलिस के साथ-साथ कमांडो भी आश्रम में तैनात हैं. यही नहीं ड्रोन विमान से बरवाला आश्रम पर निगरानी रखी जा रही है. प्रशासन हर मुमकिन कोशिश कर रहा है कि संत रामपाल सरेंडर कर दें .