चार दिनों के तनाव के बाद अब रोहतक में शांति लौटने की उम्मीद जग गई है. स्वयंभू बाबा रामपाल के सैकड़ों अनुयायी सतलोक आश्रम खाली करने को राजी हो गए हैं.
गौरतलब है कि बुधवार सुबह करीबन 200 समर्थक आश्रम में डट गए थे. हालांकि बातचीत के बाद मामला सुलझ गया. अब पुलिस जल्द ही आश्रम परिसर को सील करेगी.
इससे पहले, सैकड़ों अनुयायियों ने मंगलवार को सतलोक आश्रम छोड़ दिया. करौंथा गांव के विवादास्पद आश्रम को खाली करने के लिए अधिकारियों ने आदेश दिया था. रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद यहां की स्थिति विस्फोटक बनी हुई थी.
हालांकि मंगलवार शाम को कुछ अनुयायी आश्रम में ही डट गए और बाहर जाने के इनकार कर दिया था. इसके बाद गांववालों ने प्रशासन को आज सुबह 11 बजे तक आश्रम खाली कराने का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन प्रशासन की समझदारी के कारण गतिरोध दूर हो गया.
भारी तनाव के बीच मंगलवार को रोहतक के उपायुक्त विकास गुप्ता ने धारा 144 के तहत विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए आदेश दिया था कि आश्रम को तुरंत खाली कराया जाए. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आदेश के बाद रामपल के सैकड़ों समर्थकों ने आश्रम छोड़ दिया जहां वे पिछले तीन दिनों से डटे हुए थे. आश्रम छोड़कर जाने वालों की संख्या एक हजार से 1500 के बीच होगी.
उन्होंने कहा कि रामपाल के समर्थकों को परिसर छोड़ने के लिए हरियाणा रोडवेज की कई बसों को आश्रम भेजा गया.
क्या है मामला?
सतलोक आश्रम पर कब्जे को लेकर विवाद ने रविवार को तब हिंसक रूप ले लिया जब पुलिस ने आर्य समाज प्रतिनिधि सभा के कार्यकर्ताओं को आश्रम की तरफ कूच करने से रोक लिया था. संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गई और 50 पुलिसकर्मियों सहित 100 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. इलाके में पिछले कुछ समय से तनाव बना हुआ था क्योंकि आर्यसमाज के लोगों का दावा है कि आश्रम पर रामपाल का मालिकाना हक अवैध है.