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हरियाणा: कुत्तों का आतंक जारी, गरीब परिवार की 65 भेड़-बकरियों को मौत के घाट उतारा

बाबू राम के परिवार का गुजारा इन्हीं से चलता था. 65 भेड़-बकरियों की मौत के बाद उसका रोजगार छिन गया है. जिससे परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार के मुताबिक, करीब 6 लाख रुपए की कीमत की भेड़-बकरियां थीं जो कि कुत्तों ने मार डाली हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाबू राम के परिवार का गुजारा इन्हीं से चलता था
  • 65 भेड़-बकरियों की मौत के बाद उसका रोजगार छिन गया
  • परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है

हरियाणा के पानीपत के पत्थरगढ़ गांव में कुत्तों के आतंक की ताजा घटना सामने आई है. यहां बाबू राम का परिवार और उसका भाई भेड़-बकरियां पाल कर अपने परिवार का गुजारा करते हैं. उनके परिवार की आय भेड़-बकरियों से ही होती है. बाबू राम ने बताया कि उनके पास 70 भेड़-बकरियां थीं जिनमें से जंगली कुत्तों ने 65 को मार दिया है. 5 भेड़ें बची हैं जो घायल हैं. 

बाबू राम के परिवार का गुजारा इन्हीं से चलता था. 65 भेड़-बकरियों की मौत के बाद उसका रोजगार छिन गया है. जिससे परिवार को सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार के मुताबिक, करीब 6 लाख रुपए की कीमत की भेड़-बकरियां थीं जो कि कुत्तों ने मार डाली हैं. पशुपालक बाबू राम ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

वहीं, घटना की सूचना मिलते ही पटवारी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया. 

पटवारी सुरेंदर ने बताया कि उन्होंने मौके का निरीक्षण कर लिया है. बताए गए आदमी गरीब हैं, रिपोर्ट उच्च अधिकारी को दे दी है. नियम के अनुसार मुआवजा दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी.

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नोएडा प्राधिकरण में कुत्ता पालने के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन

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नोएडा प्राधिकरण ने पालतू कुत्तों को लेकर एक नई नीति बनाई है, जिसमें पालतू कुत्तों को पालने के लिए एक रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा. रजिस्ट्रेशन की फीस 500 रुपये प्रति कुत्ता हो, रजिस्ट्रेशन का हर साल रिन्यूवल कराना होगा. रजिस्ट्रेशन न कराने पर मालिकों को 5 हजार रुपये जुर्माना लगेगा.

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दरअसल, एजेंसी जिले में सभी पालतू कुत्तों का आंकड़ा इकट्ठा करेगी और उनके समय-समय पर वैक्सीनेशन लगे हैं या नहीं, ये भी सुनिश्चित करेगी. एजेंसी पालतू जानवरों का रिकॉर्ड रखेगी और पालतू कुत्तों से संबंधित सभी समस्याओं पर भी नजर बनाएगी. साथ ही, इन सभी चीजों की मॉनिटरिंग के लिए पालतू कुत्ते के गले में एक पट्टा बांधा जाएगा, जिसमें एक चिप लगाई जाएगी, ताकि पालतू कुत्ते की पहचान आसानी से की जा सके.

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