हरियाणा के पानीपत की 32 वर्षीय पूनम. पढ़ी-लिखी, देखने में सामान्य, बातचीत में शांत. अचानक से देश की सुर्खियों में आ गई. वजह? पिछले दो साल में अपनी दो भतीजी, एक भांजी और तीन साल के बेटे की हत्या का आरोप. गांव वाले हैरान हैं, परिवार सकते में है और पुलिस उसके भीतर छुपे उस रहस्य को समझने की कोशिश में लगी है, जिसने उसे बच्चों का सीरियल किलर बना दिया. हालांकि वह यही बता रही है कि कोई बच्ची उससे सुंदर ना लगे इसी लिए वो उन्हें मार देती थी फिर भी पुलिस वाले के सामने सबसे बड़ा सवाल अभी भी वहीं का वहीं खड़ा है कि न तंत्र-मंत्र, न मानसिक बीमारी… तो फिर पूनम आखिर क्या छुपा रही है ?
एक शांत चेहरा, जिसके नीचे तूफ़ान छिपा था
पानीपत के नौल्था गाँव में गुरुवार की सुबह का माहौल अचानक बदल गया जब खबर आई कि जिस महिला को गांव वाले महीनों से चुप-चाप आना-जाना करते देखते थे, वह चार बच्चों की मौत की जिम्मेदार है. गांव की महिलाएं कहती हैं, वह ज्यादा बोलती नहीं थी… लेकिन पढ़ी-लिखी और चालाक लगती थी. एमए और बीएड की डिग्री थी उसके पास. लोग आज भी यकीन नहीं कर पा रहे कि वह उन्हीं के बीच रहकर ऐसे अपराध करती रही और किसी को भनक तक नहीं लगी.
पति की बातों ने बढ़ाई पहेली
पूनम के पति नवीन का बयान और भी चौंकाने वाला है. वह बहुत तेज दिमाग की थी. कभी उसके व्यवहार से नहीं लगा कि उसे कोई मानसिक परेशानी हो. उन्हीं के अनुसार, शादी 2019 में हुई थी और जीवन सामान्य रूप से चल रहा था. नवीन कहते हैं कि जो उसने किया है, उसके लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. जिस तरह उसने बच्चों को पानी में डुबोया, उसी तरह. पति यह भी बताते हैं कि घर में भी पूनम के किसी दूसरे रूप का कोई संकेत कभी दिखाई नहीं दिया.
सुंदर बच्चियों से नफरत या कुछ और
पानीपत पुलिस ने बुधवार को खुलासा किया कि पूछताछ के दौरान पूनम ने जो कारण बताया, उसने जांचकर्ताओं को भी झकझोर दिया. वह कहती है कि उसे सुंदर बच्चियां पसंद नहीं थीं, उनसे नफरत-सी हो जाती थी. पुलिस का दावा है कि संदेह से बचने के लिए उसने अपने तीन साल के बेटे शुभम को भी मार डाला. यह वही बिंदु है जिसने इस केस को सामान्य अपराध से उठाकर मनोवैज्ञानिक रहस्य में बदल दिया.
विधि की मौत ने खोला पूरा राज
छह वर्षीय विधि की मौत इस कहानी का ऐसा मोड़ बन गई जिसने पूनम के सारे अपराध खोल दिए. सोमवार को वह अपने परिवार के साथ नौल्था गाँव में शादी में आई हुई थी. जब सब मेहमानगिरी में व्यस्त थे, उसी दौरान वह विधि को चुपचाप ऊपर कमरे में ले गई और पानी से भरे प्लास्टिक टब में डुबोकर मार दिया. कुछ महिलाओं ने उसके भीगे कपड़े देखकर सवाल भी पूछे. पूनम ने तुरंत कपड़े बदल लिए ताकि किसी को शक न हो. लेकिन जब विधि का शव स्टोर-रूम में औंधे मुंह पड़ा मिला, तो पुलिस का शक गहराया और पूनम से सख्ती से पूछताछ हुई. और यहीं से खुला घटनाओं का वह सिलसिला, जिसने सबको स्तब्ध कर दिया.
पहले भी की थी वारदात पर किसी ने नहीं समझा
अगस्त 2025 में पूनम ने अपनी चचेरी बहन की छह साल की बेटी को भी इसी तरह पानी की टंकी में डुबोकर मार दिया था. लड़की उसकी बगल में सो रही थी, लेकिन सुबह वह टंकी में मिली और मौत को दुर्घटना मान लिया गया. इससे पहले 2023 में उसने अपने ससुराल भावर गांव में दो और बच्चों को मारा जिनमें उसका अपना बेटा भी शामिल था. परिवारों ने भी इन मौतों को हादसा मानकर अंतिम संस्कार कर दिए थे. अगर विधि का मामला न खुलता, तो संभवत: ये राज दफ्न ही रह जाता.
विधि पर पहले भी बार किया था हमला
विधि के दादा पल सिंह ने एक और खुलासा किया है कि कुछ महीनों पहले पूनम ने विधि पर गर्म चाय गिराने की कोशिश की थी. अब समझ आता है, वह उसके चेहरे को जलाना चाहती थी. उनकी बातें यह संकेत देती हैं कि पूनम का लक्ष्य विधि पहले से थी और वह अवसर तलाश रही थी.
गांव में चुप्पी
गांव वाले इस बात पर जोर देते हैं कि पूनम कहीं भी जाती तो अकेली रहती. ना पड़ोसियों से घुलती, ना किसी समारोह में खुलकर बातचीत करती. लोग अब इसे उसके अंदरूनी स्वभाव से जोड़ रहे हैं. एक ग्रामीण ने कहा कि हमें लगा वह बस सीधी-सादी है. पर वह अपने अंदर क्या पाले बैठी थी, कोई नहीं जान पाया.
साइकोपैथ की तरह व्यवहार
पानीपत के एसपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पूनम के व्यवहार में साइकोपैथ जैसी प्रवृत्तियां दिखती हैं. वह अपराध करने के बाद सामान्य रहती थी और किसी को शक नहीं होने देती थी. हर वारदात में समान ‘मोडस ऑपरेन्डी’ है. सभी को पानी में डुबोकर मारा गया. सभी एक पैटर्न की ओर इशारा करता है. लेकिन क्या वह सच में साइकोपैथ है? या इसके पीछे कोई गहरी व्यक्तिगत असुरक्षा, हीनभावना या मनोवैज्ञानिक ट्रिगर है? पुलिस इसकी तह तक जाने की कोशिश कर रही है.