राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के मानेसर स्थित मारुति सुजुकी के प्लांट में भड़की हिंसा के मामले में कोर्ट ने प्लांट के 31 कर्मचारियों को दोषी करार दिया है. साल 2012 में भड़की इस हिंसा में प्लांट के जनरल मैनेजर की मौत हो गई थी, जबकि 94 लोग घायल हुए थे.
मामले के 150 आरोपियों में से 117 बरी
इस हिंसा के मामले में पुलिस ने करीब 150 लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन करीब 5 साल बाद अपने फैसले में कोर्ट ने सबूतों के अभाव मे करीब 117 लोगों को बरी कर दिया. वहीं जिन 31 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है उन पर मारुति के जनरल मैनेजर अविनाश कुमार देव की हत्या, प्लांट मे हिंसा फैलाने, हथियारों का इस्तेमाल करने और 94 लोगों को घायल करने जैसे गंभीर आरोप साबित हुए हैं. इन 31 लोगों में से 11 को अभी भी जमानत नहीं मिली है और वह जेल में है.
दोषियों को 17 मार्च को सजा सुनाएगा कोर्ट
कोर्ट इस मामले के दोषियों की सज़ा पर 17 मार्च को फैसला सुनाएगा. वहीं सरकारी वकील अनुराग हुड्डा ने कहा कि कर्मचारियों ने बहुत ही निर्मम तरीके से जनरल मैनेजर की हत्या की थी, इसलिए हम कोर्ट से दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग करेंगे.
कोर्ट के इस फैसले को देखते हुए कोर्ट परिसर और मारुती प्लांट में किसी भी तरह की हिंसा और प्रदर्शन को रोकने के लिए एहतियातन धारा 144 लगा दी गई थी. इसके अलावा लोकल और पैरामिलिट्री फोर्सेस को भी सभी अहम जगहों पर लगाया गया था. मजदूरों से जुड़े कुछ संगठन इस मामले में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. लिहाजा कोर्ट परिसर मे माहौल खराब न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे.