हरियाणा के तेज-तरार वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका का एक बार फिर ट्रांसफर हो गया है. अब तक उनका कुल 51 बार ट्रांसफर हो चुका है. आजतक को दिए एक खास इंटरव्यू में खेमका ने कहा है की जनसेवा को ईमानदारी से करना इतना आसान नहीं है. खासकर जब निजी स्वार्थ जनसेवा पर भारी पड़ जाए.
खेमका ने कहा कि नए तबादला आदेश के बाद उनको निराशा महसूस हुई, क्योंकि उन्होंने अपने मौजूदा विभाग में काफी कुछ करने को सोचा था. वह सामाजिक सुरक्षा पेंशन के धन के दुरुपयोग को रोकना चाहते थे, लेकिन उनका ट्रांसफर कर दिया गया.
खेमका ने कहा कि उनके तबादलों के पीछे निजी स्वार्थ की राजनीति है. उन्होंने माना कि हरियाणा सरकार के तीन कद्दावर मंत्रियों के साथ उनकी इश्यू बेस्ड तकरार हुई थी, जिसके बदले हरियाणा की भाजपा सरकार में ही उनका पांच बार तबादला किया गया.
खेकमा ने कहा की ईमानदारी की कोई कीमत नहीं होती. लेकिन कई बार उनको अपनी बेबाकी के लिए परेशान करने की कोशिश की जाती है. उनके 50 तबदले इसका ही उदाहरण हैं.
खेमका ने रॉबर्ट वाड्रा और सीएलयू मामलों पर टिप्पणी करने से गुरेज किया और कहा की सरकार को कम से कम धीनगरा कमीशन की रिपोर्ट को लागू करके दोषियों को सजा देनी चाहिए.
सीएम ऑफिस से भी हुआ था पंगा!
अशोक खेमका ने दिवाली के मौके पर सीधे- सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से भी पंगा ले लिया था. उन्होंने खट्टर के निजी स्टाफ को दिए जा रहे हजारों रुपए के नगद तोहफे का विरोध करते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिख दिया था. इससे पहले खेमका शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा और लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह को भी आड़े हाथ ले चुके हैं.
अबकी बार अशोक खेमका का तबादला उनके काफी करीबी मंत्री अनिल विज के खेल विभाग में कर दिया गया है. इससे पहले अनिल विज कई मुद्दों पर अशोक खेमका के साथ खड़े दिखाई दिए हैं.