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देश में खुलीं शराब की दुकानें लेकिन हरियाणा में क्यों बंद, जानें वजह

शराब के कारोबारियों ने सरकार के सामने हर साल वसूली जाने वाली लाइसेंस फीस और एक्साइज कर में छूट देने की मांग की है. कारोबारियों का मानना है कि लॉकडाउन के चलते पूरे मार्च और अप्रैल माह के दौरान शराब की बिक्री बंद रही, जिससे उनको काफी घाटा हुआ.

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हरियाणा में अभी नहीं खुल पा रही हैं शराब की दुकानें
हरियाणा में अभी नहीं खुल पा रही हैं शराब की दुकानें

  • हरियाणा में शराब की दुकानें खुलने में अभी लग सकता है वक्त
  • लॉकडाउन के दौरान राज्य में दिखी करोड़ों रुपये की अवैध शराब
  • शराब व्यापारी कर रहे लाइसेंस फीस और टैक्स में छूट की मांग

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में कई रियायतें मिलने के बावजूद भी हरियाणा में शराब की दुकानें बंद पड़ी हैं. लोग 27 मार्च से बंद शराब की दुकानों के खुलने का इंतजार कर रहे थे लेकिन अभी तक कई तकनीकी कारणों से यह दुकानें नहीं खुल पाई हैं.

शराब के कारोबारियों ने सरकार के सामने हर साल वसूली जाने वाली लाइसेंस फीस और एक्साइज कर में छूट देने की मांग की है. कारोबारियों का मानना है कि लॉकडाउन के चलते पूरे मार्च और अप्रैल माह के दौरान शराब की बिक्री बंद रही, जिससे उनको काफी घाटा हुआ.

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गौरतलब है कि हरियाणा सहित दूसरे राज्यों में मार्च और अप्रैल के महीनों में शराब की ज्यादा बिक्री होती है. एक तरफ जहां मार्च में साल के अंत में पुराना स्टॉक खत्म करने के लिहाज से शराब की बिक्री बढ़ाई जाती है, तो वहीं अप्रैल माह में फसल कटने के दौरान अचानक शराब की बिक्री में वृद्धि होती है. लेकिन इस वित्तीय साल में हुए लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री बंद रही.

लॉकडाउन में बिकी करोड़ों रुपये की अवैध शराब

हालांकि, ऐसा नहीं है कि राज्य में शराब उपलब्ध नहीं है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान राज्य में शराब के गोदाम और दुकानें सील किए जाने के बावजूद भी सैकड़ों करोड़ रुपये की शराब बेची गई. इससे राज्य सरकार को राजस्व घाटा हुआ.

अकेले फतेहाबाद जिले में ही 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध शराब बेची गई. राज्य सरकार के राजस्व विभाग द्वारा शराब के गोदामों में की गई स्टॉक वेरिफिकेशन से खुलासा हुआ कि स्टॉक से शराब की दो लाख बोतलें गायब हैं. इन बोतलों को लॉकडॉन के दौरान अवैध तरीके से बेच दिया गया.

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राज्य सरकार को करोड़ो का राजस्व नुकसान

हरियाणा सरकार को प्रति महीने शराब की बिक्री से 400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री न होने से सरकार की तिजोरी खाली रही. फतेहाबाद के एक राजस्व अधिकारी वीके शास्त्री के मुताबिक जिले के तीन शराब गोदामों में जांच के दौरान पाया गया कि शराब की दो लाख बोतलें गायब हैं. अधिकारियों ने संदेह जताया कि शराब के गोदाम सील किए जाने के बावजूद भी गोदाम मालिकों और कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों ने अवैध तरीके से शराब बेची.

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सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार को अभी मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए L1 लाइसेंस जारी करने हैं. जिनके चलते शराब की दुकानों तक स्टॉक नहीं पहुंच पाया है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक कुछ कारोबारियों ने दुकान मालिकों को अघोषित शराब बेचने की पेशकश की थी. लेकिन उसमें कम मुनाफा होने के चलते शराब बेचने वालों ने उसे स्वीकार नहीं किया.

उधर, राज्य सरकार ने शराब के कारोबार से जुड़े सभी मामले कैबिनेट की बैठक में उठाने का फैसला किया है. जिसमें शराब के कारोबारियों को राहत दी जा सकती है. अगर, सरकार ने फैसले पर अपनी मुहर लगा दी तो राज्य में शराब की दुकानें जल्द खुल सकती हैं.

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