गुरुग्राम में 2 महीनों में 117 नवजात बच्चों और 7 गर्भवती महिलाओं की मौत का मामला सामने आया है. इस मामले में सरकारी अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर (MO) को सस्पेंड कर दिया गया है.
गुरुग्राम में हुई नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं की मौत के मामले में MO को तो सस्पेंड किया गया है, लेकिन ये सस्पेंशन लापरवाही बरतने के कारण नहीं हुआ है. जिला स्वास्थ्य विभाग के इस कदम को लीपापोती के रूप में भी देखा जा रहा है. एमओ एमपी सिंह को सिर्फ इसलिए सस्पेंड किया गया है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग को शक था कि उन्होंने मीडिया से मौत का आंकड़ा शेयर किया है.
जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने इस मामले पर अभी तक चुप्पी साधी हुई है. गुरुग्राम के सेक्टर 10 के सरकारी अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं से आजतक ने बातचीत करने की कोशिश की. यहां भर्ती प्रसूताओं ने सरकारी व्यवस्थाओं को जहां सही बताया तो एक प्रसूता ने सरकारी व्यवस्थाओं पर आरोप भी लगाए कि अस्पताल में उनके साथ सही व्यवहार नही किया गया है.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि हम 6 से 8 हजार तक की दवाएं भी बाहर से खरीदने को मजबूर हैं. यानी जो योजनाएं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाई जा रही हैं उसमें कहीं न कहीं घालमेल जरूर दिखाई देता है, जिससे यह आंकड़ा जरूर मेल खाता दिख रहा है.