डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और उसकी कथित बेटी हनीप्रीत की असलियत सामने आने के बाद डेरा छोड़ कर गए लोग अब वापस डेरा में नही लौटना चाहते. इसकी वजह से डेरा का धंधा बंद हो गया है. ठगी की दुकानें बंद हैं. न बिस्कुट का प्रसाद बिक रहा है और न ही 1000 रुपए का टमाटर, 3000 रुपए का बैंगन और 5000 रुपए का पपीता.
बवाल के बाद से ही गुरमीत राम रहीम का रिजॉर्ट खाली है और दुकानें, रेस्टोरेन्ट सब में मक्खियां भिनभिना रही हैं. जेल में बंद गुरमीत राम रहीम, उसकी बेटी हनीप्रीत और उसका परिवार इसी फिक्र में हैं कि अगर धंधा नहीं चला तो क्या होगा. इसी परेशानी के चलते पिछले हफ्ते डेरा की चेयरपर्सन और डेरा प्रमुख का परिवार बाबा से मिलने सुनारिया जेल गया था.
डेरा से जुड़े सूत्रों की मानें तो डेरा से दूर भाग चुके चेलों का मामला गुरमीत राम रहीम के सामने भी रखा गया. उसके बाद नई रणनीति बनाने का फ़ैसला हुआ. इसके तहत 13 दिसंबर को गुरमीत राम रहीम के धर्मगुरु शाह सतनाम की पुण्यतिथि और 25 जनवरी को जन्मदिन मनाने का फ़ैसला किया गया है.
डेरा के पूर्व सेवादार गुरदास सिंह तूड और खट्टा सिंह के मुताबिक, गुरमीत राम रहीम अपने गुरुओं के जन्मदिन और पुण्य तिथियों के मौके पर लोगों से पैसा ऐंठने का काम करता था और ये समारोह डेरे की कमाई का मुख्य ज़रिया थे.
दरअसल डेरा के लोग 13 दिसंबर और 25 जनवरी को शाह सतनाम के नाम पर जुटने वाले लोगों को बताना चाहता हैं कि डेरा बंद नहीं हुआ है. इससे डेरा से फिर से लोग जुड़ेंगे और डेरा की खोई हुई कमाई फिर से हो पाएगी.
हालांकि, ये आयोजन गुरमीत राम रहीम के जेल जाने से पहले भी होते थे, लेकिन अबकी बार शाह सतनाम का परिवार इसके खिलाफ है. परिवार का आरोप है कि डेरा प्रमुख अपनी बदनामी होने के बाद अब शाह सतनाम के नाम को इस्तेमाल करना चाहता है, जबकि हक़ीकत ये है कि गुरमीत सिंह ने शाह सतनाम के परिवार को जेल भिजवा दिया था.
गौरतलब है कि शाह सतनाम के परिवार ने उनके द्वारा स्थापित 17 दरों को गुरमीत सिंह के दरों से अलग करने के लिए पहले ही पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है.
शाह सतनाम के परिवार के वकील मोहिंदर सिंह जोशी का कहना है, "डेरा के लोग शाह सतनाम का नाम इस्तेमाल करना चाहते हैं, जबकि उनका और उनके परिवार का गुरमीत राम रहीम के कारनामों से कुछ लेना देना नहीं है. 25 जनवरी को जो कुछ भी किया जा रहा है उसकी आड़ में डेरा के लोग दरअसल डेरा छोड़ कर गए प्रेमियों को फिर से बरगलाना चाहते हैं.''