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'कल से इनके घर का कुत्ता भी बाहर नहीं निकलने देंगे', किसानों की हरियाणा के BJP-JJP नेताओं को खुली चेतावनी

धान की खरीद में हो रही देरी के कारण किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अब किसान नेताओं ने हरियाणा की सरकार को सीधी चेतावनी दी है कि फसल की खरीद तुरंत शुरू हो, वरना नेताओं के घरों को घेरा जाएगा.

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किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • धान की खरीद को लेकर आर-पार
  • किसानों की हरियाणा सरकार को चेतावनी

Farmers Protest: कृषि कानूनों के मसले पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच सरकार और किसान संगठन फिर आमने-सामने हैं. धान की खरीद को लेकर पंजाब-हरियाणा में बवाल हो रहा है. फसल खरीद में हो रही देरी को देखते हुए अब किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को सीधी चेतावनी दी है. गुरनाम सिंह का कहना है कि अगर कल से (2 अक्टूबर) फसल खरीद शुरू नहीं हुई तो इनका कुत्ता भी घर से बाहर नहीं निकल पाएगा. 

दरअसल, मौसम को देखते हुए इस बार धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होने में देरी हुई है. केंद्र सरकार ने पंजाब-हरियाणा से एमएसपी के आधार पर 11 अक्टूबर से इस प्रक्रिया को शुरू करने को कहा है, जिसके कारण किसानों में गुस्सा है. 

भारतीय किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने इसी मसले पर सरकार को चेतावनी दी है. एक वीडियो जारी कर गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि मंडियों में फसलों का ढेर लगा है, बारिश के कारण कई फसल खराब भी हुई है. इस सरकार ने पहले एक तारीख से खरीद की बात कही थी, लेकिन अब इसे आगे बढ़ाकर 11 तारीख कर दिया गया है. 
 

अच्छा रहेगा, फिर चेतावनी दे रहे हैं. कल खरीद शुरू कर ले, वरना परसो तेरे विधायक, एमपी, नेताओं को इस तरीके से घेरेंगे, घर में बंद करेंगे उनका कुत्ता भी बाहर नहीं निकल पाएगा. किसान साथियों कल का इंतजार कर लो, अगर खरीद नहीं आती है तो परसो इनके घर घेर लो. इनके घर का कुत्ता भी बाहर नहीं निकल जाना चाहिए. 

गुरनाम सिंह चढ़ूनी, किसान नेता 



गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि जब हमारा आंदोलन जारी है, तब सरकार फसल खरीद में देरी कर रही है और अलग-अलग शर्तें लगा रही है. यानी खेत में भी फसल खराब होगी और मंडी में भी नहीं बिक्री होगी. 

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के कारण किसानों का आंदोलन पहले से ही चल रहा है, पिछले करीब एक साल से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. अभी हाल ही में किसानों ने भारत बंद भी बुलाया था, जिसका कुछ असर दिल्ली-एनसीआर में दिखा था. ऐसे में अभी कृषि कानूनों का मसला हल नहीं हुआ है और एक नई जंग फिर शुरू हो गई.  

 

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