Haryana ByPoll: बिहार विधानसभा चुनाव के साथ देश में जिन राज्यों में भी उपचुनाव हुए, वहां बीजेपी का परचम शान से लहराया. खास तौर पर वहां जहां बीजेपी सत्ता में है, बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा लेकिन हरियाणा में बरोदा विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
बरोदा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व ओलंपियन पहलवान योगेश्वर दत्त को उम्मीदवार बनाया था. हरियाणा की सत्ता में भागीदार दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का भी दत्त को समर्थन प्राप्त था. लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के इंदु राज नरवाल ने इस उपचुनाव को 10,566 मतों के अंतर से जीत लिया. योगेश्वर दत्त दूसरी बार चुनाव हारे हैं.
बीजेपी-जेजेपी के नेताओं को भरोसा था कि जाट और गैर-जाट मतदाताओं को रिझा कर वह इस उपचुनाव को आसानी से जीत लेंगे. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 30.73 फीसदी जबकि जेजेपी को 26.45 फीसदी मत मिले थे. उम्मीद थी कि इस उपचुनाव में दोनों साथ हैं तो इसका फायदा मिलेगा और वो कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगा लेंगे. जहां तक कांग्रेस की बात है तो उसे केंद्र के तीन कृषि बिलों को लेकर किसानों की नाराजगी का फायदा मिला. नए कृषि कानूनों को चुनावी मुद्दा बनाने के अलावा कांग्रेस ने बरोदा विधानसभा क्षेत्र के साथ कथित तौर पर सौतेले व्यवहार को भी चुनावी मुद्दा बनाया.
बीजेपी की ओर से विकास और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के नारे बरोदा उपचुनाव में काम नहीं आए और कांग्रेस कृषि कानूनों को उछाल कर बाजी मार गई. बीजेपी-जेजेपी ने इस उपचुनाव को प्रतिष्ठा की लड़ाई मानते हुए पूरी ताकत झोंकी. फिर भी दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रहे. ये सीट वैसे भी कांग्रेस की मजबूत सीट रही है. पिछले तीन विधानसभा चुनावों की जंग यहां से कांग्रेस के उम्मीदवारों ने ही जीती है. हुड्डा का पैतृक गांव संघी इस विधानसभा क्षेत्र से सटा है.
कांग्रेस की जीत पर पार्टी के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इसे ऐतिहासिक बताया. उन्होंने राज्य सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और तमाम हथकंडे अपनाने का आरोप भी लगाए. हुड्डा ने कहा कि इस सब के बावजूद बरोदा की जनता ने कांग्रेस को चुनना पसंद किया. हालांकि इस उपचुनाव नतीजे का हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उसके पास पहले से ही पर्याप्त बहुमत है.
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