कांग्रेस का नेतृत्व विवाद थम नहीं रहा है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के सीनियर नेताओं के द्वारा जो चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें उन्होंने भी साइन किए हैं, वो चिट्ठी आलाकमान या नेतृत्व के खिलाफ नहीं है, बल्कि वो चिट्ठी संगठन के लिए थी, ताकि संगठन को मजबूत किया जाए और संगठन में बदलाव लाकर पार्टी को मजबूत बनाया जाए.
इसके साथ ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमने कांग्रेस वर्किंग कमेटी और हरियाणा सीएलपी दोनों में ही सोनिया गांधी जी को कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर बनाए रखने के प्रस्ताव का स्वागत किया है और हमें लगता है कि इससे पार्टी मजबूत होगी, इसी वजह से हमने इसका समर्थन किया है.
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हम चाहते हैं कि संगठन में बदलाव हो ताकि संगठन मजबूती के साथ पार्टी के लिए काम कर सके और नेतृत्व के खिलाफ किसी भी तरह की कोई नाराजगी नहीं है. गौरतलब है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल समेत 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर संगठन में बदलाव की मांग की थी.
इसी चिट्ठी को लेकर सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की हंगामेदार बैठक हुई थी. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेताओं ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि वरिष्ठों को ऐसी चिट्ठी नहीं लिखनी चाहिए. राहुल ने तो चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी को फिर से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया. साथी ही संगठनात्मक बदलाव के लिए सभी अधिकार बैठक के दौरान सोनिया गांधी को दिए गए हैं ताकि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए अहम कदम उठा सकें. इसकी जानकारी पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दी थी.